माही नदी जिले से गुजरने वाली सबसे पुरानी और लंबी नदी है। हालांकि इस नदी के पानी के जनउपयोग के लिए पहली बार तैयारी व मंजूरी हुई है। 50 साल से इस नदी के पानी को रतलाम लाने की बात तो हुई, लेकिन अब तक इसके लिए प्रयास नहीं किए गए। अप्रेल माह में डीपीआर मंजूरी के साथ ही सरकार के पास पूरी योजना चली गई थी। इसके बाद इसका अध्ययन किया गया व अब मंजूरी देते हुए राशि जारी कर दी गई। यह प्रोजेक्ट के पूरे होने के बाद रतलाम के 500 से अधिक गांव में स्थायी रूप से जल संकट दूर हो जाएगा।
इन विकासखंड को सीधे लाभ माही नदी का प्रोजेक्ट धरातल पर आने के बाद जिले के जावरा, पिपलोदा, रावटी, बाजना, सैलाना में पेयजल की समस्या हल हो जाएगी। जल के लिए आयोजित बैठक में कुछ दिन पहले कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी नदी से धामनोद, नामली में भी जल पहुंचे इसके लिए योजना बनाने को कह चुके है। माही नदी धार जिले से शुरू होती है और रतलाम जिले से गुजरती है। झाबुआ, गुजरात, राजस्थान में भी यह नदी बहती है। इस नदी पर माही बजाज सागर और कडाणा बांध तो बनाए गए है पर रतलाम में इस पानी का उपयोग पहली बार करने की योजना बनी व मंजूर हो गई।
मंजूरी हुई, अब पूरा होगा हर सपना लंबे समय से इस योजना को मंजूरी व राशि जारी हो इसका प्रयास जारी था। इसकी मंजूरी हो चुकी है। अब रतलाम के औद्योगिक सपने को पूरा करने की बारी है। योजना के इसी माह टेंडर मंजूर हो जाएंगे।
– चेतन्य काश्यप, शहर विधायक दो जिलों को लाभ होगा माही का पानी रतलाम व धार जिले को मिले, इसके लिए बनी योजना को मंजूरी देकर 1522 करोड़ रुपए से अधिक जारी कर दिए गए है। जल्दी कार्य की शुरुआत की जाएगी।
– गौरव सिंघल, जीएम, जल निगम, भोपाल