व्यापारियों ने जताया आक्रोश…
बड़ी संख्या में उपस्थित व्यापारियों ने कहा कि यह तो हमारी ईमेज खराब कर रहा है मंडी प्रशासन, नियम के अनुसार नोटिस देना चाहिए, नहीं तो हम भी आपसे कानूनी कार्यवाही से ही पूछेंगे की नोटिस आखिर हमें किस आधार पर दिया। इस सचिव ने कहा कि आप लोगों को हक है, आप मेरे खिलाफ कोर्ट में जाकर कह सकते है कि सचिव गलत नोटिस देता है। मैने इस संबंध में प्रशासन को अवगत करा दिया है, मैं 2 किलो लहसुन का सैंपल बताकर भी आया हूं। व्यापारियों ने कहा कि हर बार व्यापारी को दोषी मानकर नोटिस थमा दिया जाता है, इससे रिकार्ट खराब हो रहा है। पंकज बाफना, प्रकाश जादव, अमित जैन, सलीम मोहम्मद, सफी पटेल, रितेश बाफना, राजेश वोरा, गोपाल जैन, विनित लुणावत, चांदभाई आदि उपस्थित थे। व्यापारियों को मंडी सचिव द्वारा दिए गए नोटिस के संबंध में लहसुन मिर्च व्यापारी संघ के अध्यक्ष मोतीलाल बाफना ने भी सचिव को पत्र लिखकर कहा कि आपके द्वारा व्यापारियों को नोटिस दिया गया है वह कार्यवाही निरस्त की जाए और यदि किसी प्रकार की कार्यवाही की गई तो हमारी संस्था को व्यापारियों के हित में कार्यवाही करने को मजबूर होना पड़ेगा। इसकी जवाबदारी मंडी प्रशासन की रहेगी। इसकी प्रति शहर विधायक व राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष चेतन्य काश्यप को भी भेजी है।
बड़ी संख्या में उपस्थित व्यापारियों ने कहा कि यह तो हमारी ईमेज खराब कर रहा है मंडी प्रशासन, नियम के अनुसार नोटिस देना चाहिए, नहीं तो हम भी आपसे कानूनी कार्यवाही से ही पूछेंगे की नोटिस आखिर हमें किस आधार पर दिया। इस सचिव ने कहा कि आप लोगों को हक है, आप मेरे खिलाफ कोर्ट में जाकर कह सकते है कि सचिव गलत नोटिस देता है। मैने इस संबंध में प्रशासन को अवगत करा दिया है, मैं 2 किलो लहसुन का सैंपल बताकर भी आया हूं। व्यापारियों ने कहा कि हर बार व्यापारी को दोषी मानकर नोटिस थमा दिया जाता है, इससे रिकार्ट खराब हो रहा है। पंकज बाफना, प्रकाश जादव, अमित जैन, सलीम मोहम्मद, सफी पटेल, रितेश बाफना, राजेश वोरा, गोपाल जैन, विनित लुणावत, चांदभाई आदि उपस्थित थे। व्यापारियों को मंडी सचिव द्वारा दिए गए नोटिस के संबंध में लहसुन मिर्च व्यापारी संघ के अध्यक्ष मोतीलाल बाफना ने भी सचिव को पत्र लिखकर कहा कि आपके द्वारा व्यापारियों को नोटिस दिया गया है वह कार्यवाही निरस्त की जाए और यदि किसी प्रकार की कार्यवाही की गई तो हमारी संस्था को व्यापारियों के हित में कार्यवाही करने को मजबूर होना पड़ेगा। इसकी जवाबदारी मंडी प्रशासन की रहेगी। इसकी प्रति शहर विधायक व राज्य योजना आयोग के अध्यक्ष चेतन्य काश्यप को भी भेजी है।
प्लेटफार्म खाली करने का बात कहा से आ गई
मंडी सचिव एमएल बारसे ने व्यापारियों से कहा कि प्लेटफार्म पर कितने दिनों से माल रखा है कृपा करके सभी व्यापारी हटा लें। इस पर व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने कहा कि अभी नोटिस क्यों दिया उसकी बात हो रही है, प्लेटफार्म खाली करने का बात कहां से आ गई। प्लेटफार्म की बात तो बाद में करेंगे। इस पर सचिव ने कहा कि अपनी बात आई तो पलट रहे हो, यह बात भी नोटिस में है। नोटिस देना मंडी प्रशासन का हक और अधिकार है, गलत हो तो मेरे खिलाफ जाओ।
मंडी सचिव एमएल बारसे ने व्यापारियों से कहा कि प्लेटफार्म पर कितने दिनों से माल रखा है कृपा करके सभी व्यापारी हटा लें। इस पर व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने कहा कि अभी नोटिस क्यों दिया उसकी बात हो रही है, प्लेटफार्म खाली करने का बात कहां से आ गई। प्लेटफार्म की बात तो बाद में करेंगे। इस पर सचिव ने कहा कि अपनी बात आई तो पलट रहे हो, यह बात भी नोटिस में है। नोटिस देना मंडी प्रशासन का हक और अधिकार है, गलत हो तो मेरे खिलाफ जाओ।
आप प्रशासन के दवाब में नोटिस निकाल रहे हैं
मंडी व्यापारी निलेश बाफना ने बताया कि ये कानूनी कार्यवाही है, कोई भी अधिकारी आएगा तो रिकार्ड खराब देखेेंगा तो अच्छा नहीं लगता। आप नोटिस क्यों दे रहे है यह तो देखें। प्लेटफार्म पर अगर माल पढ़ा है तो आपको अधिकार है, आप सभी व्यापारियों को कह सकते हैं खाली करने को। हम एक दूसरे से क्यों कहें। इस पर मंडी व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने कहा कि आप प्रशासन के दवाब में नोटिस निकाल रहे हैं, व्यापारी रोड पर नहीं आया किसान रोड पर आए है। हम तो माल मार्केट देखकर लेंगे हम भी दो पैसे कमाने बैठे हैं। किसान को लग रहा है की कम भाव है तो वह नहीं बैचे।
मंडी व्यापारी निलेश बाफना ने बताया कि ये कानूनी कार्यवाही है, कोई भी अधिकारी आएगा तो रिकार्ड खराब देखेेंगा तो अच्छा नहीं लगता। आप नोटिस क्यों दे रहे है यह तो देखें। प्लेटफार्म पर अगर माल पढ़ा है तो आपको अधिकार है, आप सभी व्यापारियों को कह सकते हैं खाली करने को। हम एक दूसरे से क्यों कहें। इस पर मंडी व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने कहा कि आप प्रशासन के दवाब में नोटिस निकाल रहे हैं, व्यापारी रोड पर नहीं आया किसान रोड पर आए है। हम तो माल मार्केट देखकर लेंगे हम भी दो पैसे कमाने बैठे हैं। किसान को लग रहा है की कम भाव है तो वह नहीं बैचे।