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प्रदेश की ए ग्रेड मंडी, 29 लाख टैक्स घाटे में

locationरतलामPublished: Mar 07, 2019 12:57:14 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

प्रदेश की ए ग्रेड मंडी, 29 लाख टैक्स घाटे में

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प्रदेश की ए ग्रेड मंडी, 29 लाख टैक्स घाटे में

रतलाम। ए ग्रेड की रतलाम कृषि उपज मंडी टैक्स लक्ष्य पूर्ति में पिछड़ गई। मंडी प्रशासन द्वारा अनाज मंडी में चने की आवक कम और लहसुन-प्याज में टैक्स कम होना कारण बताया जा रहा है, वही कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि मंडी प्रांगण के बाहर गोडाउन पर सीधे तो कई व्यापारी मंडी से तौल के लिए बगैर अनुज्ञा के तौल के लिए पहुंचा रहे हैं। इस कारण से भी मंडी टैक्स पर असर पड़ा है। फरवरी माह में पिछले साल की तुलना 29 लाख के करीब टैक्स कम है। इस कारण से पिछले साल 1 करोड़ 61 लाख रुपए टैक्स की तुलना में 1 करोड़ 32 लाख तक ही पहुंच पाया, यानि 29 लाख के करीब टैक्स कम प्राप्त हुआ मंडी को। इसके पीछे चना, लहसुन-प्याज की आवक कम होना बताया जा रहा है।
मंडी कर्मचारियों की माने तो फरवरी माह में डालर चना जो पिछले साल 200 से अधिक ट्राली पहुंच रहा था, वह 50 भी नहीं रह गया। जबकि लहसुन-प्याज मंडी आवक के साथ टैक्स भी कम होने के कारण लक्ष्य पूर्ति नहीं कर पाया। कृषि उपज मंडी प्रांगण प्रभारी मुकेश ग्रेवाल के अनुसार पिछले साल फरवरी माह में 3 लाख 43 हजार 767 क्विंटल की खरीदी हुई थी, जबकि इस साल अब तक 3 लाख 26 हजार 688 क्विंटल खरीदी हुई। मंडी में डालर चने की आवक ना के बराबर रह गई है, जबकि लहसुन-प्याज में टैक्स कमी और भाव के साथ आवक भी घटी है। इस कारण से टैक्स लक्ष्य पूर्ति पिछले साल का तुलना में कम हुई है।
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19 हजार क्विंटल लहसुन कम आई
मंडी प्रांगण प्रभारी राजेंद्र व्यास ने बताया कि पिछले साल फरवरी माह में लहसुन की आवक 43 हजार क्विंटल रही और माडल भाव 1600 रुपए रहे थे। जबकि इस साल 24 हजार क्विंटल आवक रह गई और मॉडल भाव १४०० रुपए तक पहुंच गए। इसी प्रकार प्याज 55 हजार क्विंटल थे, जबकि इस साल 43 हजार क्विंटल ही आवक रह गई और मॉडल भाव 1270 रुपए क्विंटल की स्थान पर इस साल 300 रुपए प्रति क्विंटल ही रह गई। वहीं प्याज में एक प्रतिशत और लहसुन में डेढ़ प्रतिशत टैक्स की कमी आने कारण भी मंडी टैक्स की लक्ष्य कम रहा।
वर्जन
मंडी में इस साल फरवरी माह में चने की आवक कम हुई है, जबकि सब्जी मंडी में लहसुन-प्याज के भाव के साथ ही एक और डेढ़ प्रतिशत टैक्स में भी कमी आई है। लक्ष्य पूर्ति पिछले साल की तुलना में कम हुई है। वैसे इस कारण से करीब- करीब को लक्ष्य पूर्ति हो गई है।
एमएल बारसे, सचिव कृषि उपज मंडी, रतलाम
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