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यै कैसा मेडिकल कॉलेज: स्टॉफ रखने के लिए अब तक कोई नियम तय नहीं

locationरतलामPublished: Dec 22, 2019 05:30:56 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

यै कैसा मेडिकल कॉलेज: स्टॉफ रखने के लिए अब तक कोई नियम तय नहीं

यै कैसा मेडिकल कॉलेज: स्टॉफ रखने के लिए अब तक कोई नियम तय नहीं

यै कैसा मेडिकल कॉलेज: स्टॉफ रखने के लिए अब तक कोई नियम तय नहीं

रतलाम। मेडिकल कॉलेज में होने वाली तृतीय व चतुर्थ श्रेणी वर्ग पदों के लिए न तो सरकार और न ही चिकित्सा शिक्षा विभाग अब तक तय कर पाया है कि नियुक्तियां कैसे की जाएगी। ये भर्तियां सीधी भर्ती से होगी, व्यापमं से कराएंगे, ऑनलाइन कराएंगे या फिर क्या तरीका होगा अभी यह स्पष्ट नहीं है। प्रदेश में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू हो चुका है जिसका रोस्टर तो मिल चुका है किंतु इसे जिले के हिसाब से 27 फीसदी आरक्षण में तब्दील करने को लेकर भी मशक्कत करना पड़ रही है। हालांकि मेडिकल ऑफीसर रैंक पर तो संभागायुक्त से अनुमोदन के बाद कुछ पदों पर नियुक्तियां की जा चुकी है किंतु दूसरे पदों को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है।
करीब एक हजार पदों पर होनी है नियुक्तियां
मेडिकल कॉलेज में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के करीब एक हजार पदों पर नियुक्तियां होना हैं। बताया जाता है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसमें से कुछ नियुक्तियां तो आउट सोर्स के माध्यम से कर ली है। बचे हुए नर्सिंग, लैब टेक्नीशियन, सहायक, फार्मासिस्ट सहित अन्य पदों पर नियुक्तियां की जाना हैं। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित बताते हैं कि अभी कोई निर्देश नहीं आए हैं कि इन पदों पर कैसे नियुक्तियां होंगी या भर्ती की जाएगी। हम भी शासन के स्पष्ट निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।
नियुक्ति में देरी से पड़ेगा असर
मेडिकल कॉलेज में 750 बेड के अस्पताल में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां नहीं होने से इसका सीधा असर अस्पताल को शुरू करने को लेकर होगा। नियुक्तियों में देरी से अस्पताल भी देरी से ही शुरू हो पाएगा। मेडिकल कॉलेज प्रशासन चाहता है कि जल्द से जल्द नियुक्तियां हो जिससे अस्पताल शुरू किया जा सके। कॉलेज के पास डॉक्टर तो है किंतु अन्य स्टॉफ नहीं होने की दशा में अस्पताल शुरू करना मुश्किल होगा।
संभागायुक्त को मिले अधिकारी

संभागायुक्त कॉलेज की गवर्निंग बॉडी के सर्वेसर्वा होते हैं। उन्हें कॉलेज में डॉक्टरों की नियुक्ति के अधिकार मिले थे। तब वाक इन इंटरव्यू के जरिये नियुक्तियां की गई थी। कुछ अन्य पदों पर भी संभागायुक्त की अध्यक्षता वाली कमेटी को यह अधिकार दिए गए हैं। ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण को लेकर जिले का रोस्टर तय नहीं और शासन से स्पष्ट निर्देश मिलने से प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी।
इन पदों पर हो सकती है नियुक्तियां
नर्सिंग स्टॉफ, टेक्नीशियन, सहायक टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, लैब अटेंडेंट, ड्रेसर, रिकार्ड क्लर्क, स्टेनो टाइपिस्ट के अलावा वार्ड ब्वाय, आया बाई, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों के पद हैं। बताया जाता है कि सुरक्षाकर्मियों के पदों पर भर्ती तो आउट सोर्सिंग से की जा सकती है क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था एजेंसी के माध्यम से करवाकर गार्ड रखे जा सकते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य पदों पर भी आउट सोर्सिंग से इस समय कर्मचारी काम कर रहे हैं।
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आरक्षण रोस्टर मिला किंतु स्पष्ट निर्देश नहीं
जिले में आरक्षण का रोस्टर मिल चुका है किंतु अभी शासन या उच्च शिक्षा निभाग की तरफ से यह तय नहीं हुआ है कि नियुक्तियां व्यापमं के माध्यम से कराई जाएंगी या किसी दूसरे तरीके से ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से। हम इंतजार कर रहे हैं कि जल्द निर्देश मिले जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज, रतलाम

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