पीजी कक्षाओं की पढ़ाई कराने के लिए मेडिकल कॉलेज रतलाम से तीन विभागों कम्युनिटी मेडिसीन, माइक्रो बायोलॉजी और पैधालाजी विभाग की तरफ से प्रस्ताव नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) को भेजा गया था। इन प्रस्तावों के बाद जून माह में एनएमसी की टीम ने रतलाम का दौरा भी किया था। दौरे के बाद हाल ही में कम्युनिटी मेडिसीन विभाग को तीन सीटों की अनुमति मिल गई है जबकि माइक्रोबायोजाली की तरफ से भी तीन और पैथालाजी विभाग की तरफ से पांच सीटों का प्रस्ताव भेजा गया था। इन दोनों विभाग की फिलहाल अनुमति नहीं मिली है।
चार साल पहले प्रदेश में सात नए कॉलेजों को शुरू किया गया था। इनमें रतलाम के साथ ही विदिशा, खंडवा, दतिया, सागर, शहडोल और छिंदवाड़ा के शासकीय मेडिकल कॉलेज हैं। सभी में एमबीबीएस की कक्षाएं तो उस समय से ही चल रही है और तीसरे साल के विद्यार्थी इस समय इनमें पढ़ रहे हैं लेकिन इसी बीच रतलाम कॉलेज को कम्युनिटी मेडिसीन विभाग में पीजी की अनुमति मिलना रतलाम के लिए बहुत अच्छी खबर है। यूं कहा जा सकता है कि रतलाम में बेहतर संसाधनों की वजह से एनएमसी की टीम ने निरीक्षण के दौरान सबसे उपयुक्त माना और अनुमति दे दी।
स्नातकोत्तर सीटे प्राप्त होना विभाग और महाविघालय के लिए गर्व की बात है। इससे विभाग और समृद्ध होगा तथा उच्च कोटि के विद्यार्थी संस्था से निकल सकेंगे। नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों में रतलाम मेडिकल कॉलेज प्रथम है, जिसे स्नातकोत्तर की सीटें प्राप्त हुई हैं।
—————- यह अनुमति महाविद्यालय के लिए यह मिल का पत्थर है। आगे दूसरे विभागों में भी स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ होने वाली हैं। हमारा मकसद रतलाम मेडिकल कॉलेज को विश्वस्तरीय संस्थान बनाना है, जहां शिक्षण, अनुसंधान, इलाज सभी की श्रेष्ठतम सुविधाएं उपलब्ध हों।
डॉ. जितेंद्र गुप्ता, डीन, मेडिकल कालेज, रतलाम