पत्रकार वार्ता में सकलेचा ने बाजना बस स्टैंड से लेकर वरोठ माता मंदिर तक के सिटी फोरलेन को लेकर दो डीपीआर होने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि एक डीपीआर उन्होंने सूचना का अधिकार के माध्यम से लोनिवि से प्राप्त की थी जबकि दूसरी विधानसभा में प्रश्न के जवाब में विभाग ने प्रस्तुत की। दोनों की राशि में काफी अंतर है। विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार सिटी फोरलेन ७० फीट चौड़ा है तो फिर १०४ फीट के नाम से मकानों को क्यों तोड़ा गया। सूचना का अधिकारी में मिली डीपीआर में इसकी लागत १७ करोड़ ४७ लाख बताई गई जबकि विधानसभा में इसकी लागत १० करोड़, चार लाख क्यों हो गई। कौन सी राशि सही है किसी को पता नहीं है। इसमें सात करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार की आशंका है।
इन पर भी सवाल खड़े किए
– विधानसभा में बताया गया एक भी मकान नहीं तोड़ा गया जबकि ५० मकान तोड़े गए।
– २००८ में बस स्टैंड नए बस स्टेैंड पर स्थानांतरित हो गया तो २०१६ तक यहां होने का क्यों बताया गया।
– रेलवे पुलिया चौड़ा करने के लिए अभी राशि जमा करवाना है तो अब तक क्यों नहीं की गई।
– लोनिवि के अधिकारियों ने जनता से झूठ बोलकर गुमराह क्यों किया।