रतलाम

अब इयर टैग से मिलेंगी पशुओं को पहचान

पशुओं की पहचान बनेगा एयर टैग नंबर, रतलाम जिले के १ लाख ७६ हजार में से २६ हजार पशुओं को लग चुके हंै टैग

रतलामJun 20, 2018 / 05:37 pm

harinath dwivedi

अब इयर टैग से मिलेंगी पशुओं को पहचान

रतलाम. जिले के दुधारू मवेशियों को अब अलग पहचान मिलेंगी, उनका इंसानों की तरह आधार नंबर (टैग) लगवाया जाकर सभी को इंटरनेट से जोड़ जाएगा। यानि की पशुओं को अब इयर टैग १२ नंबरों के आधार पर पहचान मिलेंगी। जिससे इन्हे पहचाने में आसानी होगी की यह मवेशी किसका है, इससे मवेशी चोरी और तस्करी पर भी काफी हद तक प्रतिबंध लगेगा। जिले में कुल १०५४ गांव है, पशु चिकित्सा विभाग द्वारा १ लाख ७६ हजार पशुओं को टैग लगाने का काम किया जाना है। दुधारू गाय और भैंसों को १२ अंकों का विशिष्ट पहचान संख्या दी जा रही है। अब तक जिले के २६ हजार से अधिक दुधारू पशुओं को (टैग) आधार नंबर देने का काम हो चुका है।
पशु पालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पशुओं की पहचान के लिए यह ‘यूनिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टमÓ है। जैसे ओधार कार्ड नंंबर। जिसके अन्तर्गत पशु को कान टैग के साथ जोड़ा जाता है, इसमें पशुओं के समूह का डाटा जैसे गांव का नाम, जाति, गाय अथवा भैंस पशुओं की संख्या इत्यादि का रिकार्ड रखा जाता है। पशु आइडेंटिफिकेशन नंबर उसका १२ नंबर का एयर टैग नंबर होगा। इसके लिए विभाग द्वारा पांच स्तर का वर्गीकरण किया गया है। जिले ममें तीन स्तर एरिया कॉडीनेटर, सुपरवाइजर और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन को रखा गया है। जिले में अभी तक २६ हजार के करीब पशुओं के पंजीयन कार्य पूर्ण कर लिए गए है।
उपसंचालक पशु राणा ने बताया कि टैग लगाने का उ²ेश्य किसानों को आसानी से पहुंच और समय पर जानकारी प्रदान करना है। उत्पादकता और उनके पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए किसानों को गुणवत्ता वाले वीर्य, मवेश फीड चारा के बीज टीके आदि उपलब्ध कराने के लिए आधारभूत संरचना बनाना। आनुवांशिक सुधार कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्ता वाले बैल बनाने के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण करना। उच्च गुणवत्ता वाले बैग से वीर्य पैदा करना और किसानों को अपने दरवाजे पर उपलब्ध कराना है।
जिले के पशुओं की आसानी से पहचान हो इसके लिए आधार के अनुसार एयर टैग नंबर लगाए जा रहे हैंं। जिले के १०५४ गांवों में १ लाख ७६ हजार पशुओं है, जिसमें से २६ हजार पशुओं को टैग लगाए जा चुके हैं। टैग लगाने कार्य चल रहा है।
एके राणा, उप संचालक , पशु पालन, चिकित्सा विभाग, रतलाम
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