रतलाम

OMG इस कलाकार ने एक्टिंग तो की, लेकिन 40 साल से नहीं देखी फिल्म

मुन्नाभाई फेम कलाकार सुधीर राजन ने साझा की जीवन की कहानी

रतलामAug 31, 2018 / 05:47 pm

harinath dwivedi

OMG इस कलाकार ने एक्टिंग तो की, लेकिन 40 साल से नहीं देखी फिल्म

रतलाम। फिल्मों ने मुझे नहीं छोड़ा, मैंने फिल्मों को छोड़ दिया है। मैंने फिल्मों में एक्टिंग जरूर की लेकिन पर्दे पर उन्हें कभी नहीं देखता, ४० वर्ष से काई फिल्म ही नहीं देखी। एक समय आदर्शवादी फिल्में बनती थी उनकी कहानी जीवन में प्रेरणा देती थी। अब फिल्में सिर्फ रुपए कमाने मात्र का साधन रह गई। ये समाज को दिशा देने के बजाय समाज से पैसा वसूल रही हैं। ये कहना है बॉलीवुड सहित अन्य विद्या की फिल्मों में एक्टिंग कर चुके सुधीर राजन का। सुधीर को हिंदी फिल्मों के दर्शक मुन्नाभाई एमबीबीएस और आरटीआई के प्रोमो से अधिक पहचान मिली। एक्टिंग से पहले सुधीर लंबे समय तक वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी करते रहे और बाद में फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन के साथ हिन्दी सहित कई भाषाओं की आर्ट फिल्मों में भी एक्टिंग की। बहुमुखी प्रतिभा के धनी सुधीर को चित्रकारी में भी कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार मिल चुके हैं।
अपने मित्र राजेंद्र राठौर और नंदलाल सिंह के साथ पत्रिका कार्यालय पहुंचे सुधीर ने बताया कि उनकी फिल्मों में कार्य की रुचि थी ही नहीं। वे नेशनल ड्रामा ऑफ स्कूल में फोटोग्राफी बढ़ाते थे। अब एक दिन आर्ट डायरेक्शन का मौका मिला और डायरेक्टर के कहने पर वहीं एक्टिंग शुरू कर दी। करीब ६० वर्ष की उम्र में सिनेमा में एंट्री की तो
७५ वर्ष की उम्र में सिनेमा में एक्टिंग को अलविदा कह दिया। पन्ना जिले अजयगढ़ में जन्मे सुधीर ने बताया कि वे बचपन से घुमक्कड़ी स्वभाव के रहे हैं, कई देशों की यात्राएं कीं अब भी घूम ही रहे हैं।
अब शॉर्ट फिल्मों में शौकिया एक्टिंग -सुधीर ने बताया कि उन्होंने फिल्मों में एक्टिंग जरूर की लेकिन ४० वर्षों से कोई फिल्म नहीं देखी। बतौर सुधीर, राजू हिरानी जबरन मुन्नाभाई दिखाने ले गए, बोले कि स्वयं को तो देख लो, तो देख ली। बोले अब अब भी शॉर्ट फिल्म में कार्य करता हूं, पसंद आया तो मेहनतनामा भी नहीं लेता।
जिंदगी एक शॉट है, बेस्ट रोल करें
सुधीर ने बताया कि जिंदगी किसी फिल्म का एक शॉट है। इसको जितना बेहतर जी सकते हैं उतना बेहतर जिएं। एक शॉट में बेस्ट रोल करना जरूरी है। पोलेंड, हंगरी, अमेरिका, आस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देशों में सुधीर की चित्रकारी की एक्जीबिश भी लग चुकी है। चित्रकारी में १९७० के दशक में पहला अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिला। वह पुरस्कार भी तक मिला जब अभिनेता नसुरुद्दिन शाह ने जिद करके जापान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिता में उनकी पेंटिंग को भेजा।
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