यूं समझें ये पूरा मामला वर्ष 2015 में बड़ोदरा की एक फर्म ने रेलवे स्टेशन व परिसर की सफाई कार्य का टेंडर 3.61 करोड़ रुपए प्रति वर्ष के मान से तीन वर्ष के लिए लिया था। टेंडर के समय दस प्रतिशत धरोहर राशि जमा होती है। लेकिन संबंधित कंपनी ने ये रुपए जमा ही नहीं किए । इससे पहले उसने कार्य शुरू कर दिया। इसी कार्य में सीएमआई सपना शर्मा को जीएम अवार्ड दिया गया। बाद में जब कंपनी की गड़बड़ी पर भुगतान करने पर वित्त विभाग के अधिकारी ने रोक लगाई तो ये बात सामने आई कि डिपाजीट शुल्क जमा नहीं हुआ है।
बाद में मच गया हडक़ंप जब ये बात वित्त विभाग की रोक से सामने आई तो हडक़ंप मच गया। इसके बाद तत्कालीन सहायक वाणिज्य प्रबंधक नीला झाला को जांच सौंपी गई। जांच में खुलासा हुआ कि टेंडर देने से लेकर पूरी प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई। इसके बाद झाला ने पूरी रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी। इसके बाद ही वाणिज्य निरीक्षक शर्मा को नोटिस जारी किया गया है।मंडल में पहला मामलामंडल में ये पहला मामला है, जिसमे जिस कार्य को बेहतर बताकर अधिकारी को सम्मान दिया गया, उसी में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। अब इस मामले की भी जांच होगी कि किस अधिकारी की सिफारिश पर जीएम अवार्ड के लिए नाम गया था।
जांच प्रक्रिया का हिस्सा ये व इसी प्रकार की अन्य जांच प्रक्रिया का हिस्सा होती है। जांच के बाद ये तय किया जाता है कि अधिकारी या अन्य कोई कितना दोषी है। नोटिस के बाद जो जवाब आएगा, उसके बाद ही इस बारे में निर्णय वरिष्ठ अधिकारी निर्णय लेंगे।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल