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करणी सेना के दीपमिलन में राजनीति, वीडियोग्राफी पर विवाद, प्रकरण दर्ज

locationरतलामPublished: Nov 16, 2018 05:12:32 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

अलग-अलग विधानसभाओं में भी प्रत्याशियों का समर्थन करने पर भी लिया निर्णय

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करणी सेना के दीपमिलन में राजनीति, वीडियोग्राफी पर विवाद, प्रकरण दर्ज

रतलाम/जावरा। दीपमिलन कार्यक्रम के नाम पर चुनाव में प्रत्याशियों का समर्थन करने पर चर्चा के लिए आयोजित करणी सेना की बैठक गुरुवार को विवादों में घिर गई। खाचरौद रोड स्थित एक निजी रिसोर्ट में बैठक के दौरान वीडियोग्राफी करने पहुंचे तहसीलदार सहायक निर्वाचन अधिकारी राकेश सस्तीया को करणी सेना के लोगों ने गेट पर ही रोक लिया। इससे नाराज प्रशासन ने करणीसेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवनसिंह व अन्य के खिलाफ औद्योगिक क्षेत्र थाना में धारा १८८, ३५३ के तहत प्रकरण दर्ज करा दिया। बाद में अन्य पदाधिकारियों के हस्तक्षेप से प्रशासन ने कार्यक्रम की वीडियोग्राफी करवाई। करणीसेना ने बैठक में तय किया कि वे पूरे प्रदेश में कहीं भी सपाक्स के प्रत्याशियों को समर्थन नहीं करेगी।
प्रदेशाध्यक्ष जीवनसिंह शेरपुर ने तहसीलदार को वीडियोग्राफी करने से मना किया। इस पर दोनों के बीच विवाद की स्थिति बन गई। जीवनसिंह ने कहा कि उन्हें यहां किसी ने आमंत्रित नहीं किया है, तो वे क्यों यहां आए हैं। यहां किसी पार्टी या राजनैतिक दल का कार्यक्रम नहीं हैं, ना ही कोई चुनावी सभा हैं जो रिकार्डिंग की आवश्यकता है। तहसीलदार ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर रिकार्डिंग की जा रही है इसके बाद रिकॉर्डिंग करवाई गई । जीवनसिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की २३० विधानसभा में दोनों पार्टियों ने राजपूत समाज के ६५ उम्मीदवारों को टिकट दिया है। जिसमें ३२ कांग्रेस तथा ३३ भाजपा के हैं। इनमें से जिस भी उम्मीदवार ने करणी सेना के सभी आंदोलनों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से समर्थन किया है, अब करणी सेना उस उम्मीदवार के साथ खड़ी है। जिसने करणी सेना का विरोध किया था, करणी सेना उनका विरोध करेगी। सभा में संगठन मंत्री शैलेन्द्रसिंह झाला, प्रदेश संयोजक यादवेन्द्रसिंह तौमर, प्रदेश सचिव चन्द्रपालसिंह तोमर, अजीतसिंह खड़ी, मंदसोर जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुंवर भाटी, प्रदेश नियंत्रण अधिकारी स्वातीसिंह, विधिक सलाहकार प्रिती सोलंकी आदि मंचासीन थे। संचालन रतलाम जिलाध्यक्ष जितेन्द्रसिंह बरखेड़ी ने किया।
जीवनसिंह ने बताया कि एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में आलोट बंद के दौरान कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज चांवला ने सेना का सपोर्ट किया था। अब करणी सेना इस चुनाव में उनका समर्थन करेगी। सुवासरा के निर्दलीय ओमसिंह भाटी तथा महिदपुर के दिनेश जैन बोस का समर्थन करेगी। जावरा स्वविवेक के आधार पर चयन के लिए छोड़ा गया, रतलाम शहर को भी स्वतंत्र रखा गया है। यहां सेना के सदस्यों को स्वविवेक से चयन करना होगा।
किसी पार्टी नहीं व्यक्ति को समर्थन
बैठक में करणी सेना के पदाधिकारियों ने कहा कि पिछले आंदोलनों में जिसने भी सहयोग या समर्थन किया है, अब करणी सेना उनके साथ है। चाहे वह किसी जाति, धर्म या पार्टी का हो, लेकिन जावरा और रतलाम शहर विधानसभा सीट को करणी सेना ने स्वतंत्र छोड़ा है, यहां करणीसेना के लोग किसी को भी चुन सकते हैं। वहीं आलोट, महिदपुर तथा
सुवासरा सीट पर पार्टी नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष को समर्थन देने का ऐलान किया गया है।
निवार्चन कार्य में लगे तहसीलदार और अमले को विडियोग्राफी करने से रोकने के मामले में करणी सेना प्रदेशाध्यक्ष व अन्य पर शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण तथा अन्य धाराओं में भी प्रकरण दर्ज किया जाएगा। अभी जांच की जा रही है।
– एमएल आर्य, निर्वाचन अधिकारी
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