रतलाम

जो दिलदार होते हैं, वही सम्मान करते हैं- प्रो. हाशमी

जो दिलदार होते हैं, वही सम्मान करते हैं- प्रो. हाशमी

रतलामAug 06, 2019 / 05:25 pm

Chandraprakash Sharma

जो दिलदार होते हैं, वही सम्मान करते हैं- प्रो. हाशमी

रतलाम। सम्मान तो दिल से होता है। दल या बल से सम्मान नहीं होता है। वैसे सम्मान तो वाणी, विचार, भावना, शब्द, अलंकरण, व्यवहार से होता है। सम्मान की सार्थकता केवल दिल से होती है। खास बात तो जो दिलदार होते हैं, वही सम्मान करते हैं। जैसी मन की भावना होती है वैसी ही सिद्धी मिलती है। सम्मान दीजिए, सम्मान लीजिए। सम्मान पाने वाले से सम्मान करने वाला बड़ा होता है।
यह विचार मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. अजहर हाशमी ने सोमवार की शाम लायंस हाल में व्यक्त किए। मुख्य अतिथि विधायक चैतन्य काश्यप, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, विनोद मिश्रा मामा, मुस्तफा आरिफ, आसीन थे।
साहित्य के क्षेत्र से वरिष्ठ साहित्यकार प्रो.अजहर हाशमी, समाजसेवा गोविन्द काकानी, खेल अश्विनी शर्मा, पत्रकारिता से आरिफ कुरैशी, शिक्षा रेखा शास्त्री तथा आरिफ परिवार के वयोवृध्द सदस्य नजमुद्दीन आरिफ को रतलाम रत्न सम्मान से सम्मानित किया। वरिष्ठ शिक्षाविद स्व. भंवरलाल भाटी का मरणोपरांत रतलाम रत्न का सम्मान वैदेही कोठारी ने प्राप्त किया। डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, शरद जोशी, रशीदा आरिफ, राजेश जैन, आनंदीलाल गांधी, अजमुन निशा मुस्तफा, पीरूलाल डोडिया, जोएब आरिफ , सलीम आरिफ ने किया। अध्यक्षीय उदबोधन समिति अध्यक्ष मुस्तफा आरिफ ने दिया। संचालन यूसुफ जावेदी ने किया। आभार तुषार कोठारी ने माना।

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