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इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी कई महिलाएं चूल्हा फूंकने को मजबूर

locationरतलामPublished: Oct 23, 2019 05:35:14 pm

सैलाना क्षेत्र में उज्जवला योजना के 10 हजार हितग्राही

इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी कई महिलाएं चूल्हा फूंकने को मजबूर

इस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी कई महिलाएं चूल्हा फूंकने को मजबूर

रतलाम/सैलाना। ग्रामीण क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने व ग्राम की महिलाओं को धुएं से राहत दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना शुरू की है। इसमें सैलाना नगर व आसपास के ग्रामों में करीब 10 हजार हितग्राहियों को गैस कनेक्शन दिया है। इसके बाद भी 80 प्रतिशत हितग्राहियों ने दूसरी बार गैस सिलेंडर नहीं लिया है। क्षेत्र में अभी भी कई महिलाएं ऐसी है जिन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिला है। वे चूल्हा फूंक रही हैं। भारत सरकार की उज्जवला योजना के लिए प्रशासन ने अपने स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर लगभग सभी गांव में इसका प्रचार प्रसार किया । इसके बाद भी आदिवासी अंचल में जागरूकता की कमी के कारण आज भी गैस का उपयोग नहीं हो रहा है।
लकडिय़ों का उपयोग जारी
गांव में कपास की खेती अधिक होने से कपास निकालने के बाद बची लकड़ी की संटियों का उपयोग जलाऊ लकड़ी के रूप में करते हैं ग्रामीण अंचल में 10 हजार से अधिक हितग्राहियों को उज्जवला योजना के कनेक्शन वितरित किए गए हैं। 14 किलो के सिलेंडर महंगा पडऩे पर सरकार ने उसके स्थान पर 5 किलो गैस वाले सिलेंडर शुरू किए। लेकिन उसके बाद भी हितग्राही सिलेंडर नहीं ले रहे है। जबकि बड़े-बड़े गांव सरवन, सकरावदा, बेड़दा, नारायणगढ़ आदि ग्रामों में एजेंसी की गाड़ी जाकर टंकियां वितरित करती है। उसके बाद भी आदिवासी अंचल में गैस सिलेंडर नहीं ले रहे हैं।
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