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आंगनवाड़ी में अंडा देने के प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ, मंत्री को भेजेंगे

locationरतलामPublished: Nov 11, 2019 05:43:52 pm

आंगनवाड़ी में अंडा देने के प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ, मंत्री को भेजेंगे

आंगनवाड़ी में अंडा देने के प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ, मंत्री को भेजेंगे

आंगनवाड़ी में अंडा देने के प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ, मंत्री को भेजेंगे

रतलाम। आज हम सब यहां पूज्य गुरूदेव चौथमल महाराज की जयंती और कस्तूरचन्द महाराज की दीक्षा जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए है। चौथमल महाराज को 3 उपाधियां मिली थी। 1 जैन दिवाकर, 2 जगत वल्लभ, 3 प्रसिद्ध वक्ता। पहले गुरु भगवंतों को जो पदवियां मिलती थी वो वास्तविक होती थी। आजकल तो ज्यादातर पदवियां चापलूसी के कारण दी जाती है और चापलूसी की वजह से मिल जाती है। दिवाकर मतलब सूर्य, सूर्य प्रकाश देता है। हमारी प्रत्येक क्रिया सूर्य की बदौलत हो रही है। चलना, खाना, पीना ये सब सूर्य दिवाकर की बदौलत है। अगर दिवाकर को हम अपनी परम्परा से निकाल दे तो इस परंपरा का कोई मूल्य नहीं बचेगा ।
यह विचार प्रियदर्शनश्री महाराज ने नीमचौक में आयोजित धर्मसभा के दौरान कही। कार्यक्रम के दौरान समाजजनों ने मप्र सरकार के आंगनवाड़ी में अंडा देने के प्रस्ताव के विरोध में हस्ताक्षर अभियान प्रारंभ किया। इन महान आत्माओं का ये सुंदर चित्रण गुरुदेव प्रियदर्शन महाराज ने अपने प्रवचन
में फऱमाया।
इसके पूर्व सौम्यदर्शनश्री महाराज ने 24वें तीर्थंकर प्रभु महावीर के जीवन पर प्रकाश डाला। संघ अध्यक्ष प्रेम कुमार जैन, संघरत्न इंदरमल जैन, दिवाकर संगठन समिति उपाध्यक्ष महेंद्र बोथरा, संघ महामंत्री अजय खमेसरा ने भी अपनी भावांजली प्रदान की। कार्यक्रम में चातुर्मास के दौरान स्थानक में 50 से 100 संवर करने वाले बच्चों व बड़ों का बहुमान किया गया। जिन बच्चों ने प्रतिक्रमण व अन्य धार्मिक ज्ञान गुरुदेव से अर्जित किया, उन सबको सम्मानित किया गया। संवर को क्रिया है जिसमे घर का मोहए घर के नरम बिस्तर का मोह, ऐसी, कूलर, पंखे और लाइट, टीवी, मोबाइल सबका त्याग करके स्थानक में साधु के वेश में केवल चटाई पर रात्रि में सोना होता है । गुरुदेव के प्रति 12 बच्चों की इतनी आस्था थी की 120 दिनों में से 50 से 100 दिनों तक उन्होंने संवर साधना की। सम्पूर्ण कार्यक्रम के लाभार्थी शांताकुमारी इंदरमल पटवा परिवार थे। संचालन मंत्री गुणवंत मालवी ने किया।
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