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जान से मारने की धौंस: फर्जी लाइसेंस के आरोपी अविनेंद्र भाटी ने आरक्षकों से झूमाझटकी की

locationरतलामPublished: Nov 15, 2019 07:14:02 pm

Submitted by:

Yggyadutt Parale

जान से मारने की धौंस: फर्जी लाइसेंस के आरोपी अविनेंद्र भाटी ने आरक्षकों से झूमाझटकी की

जान से मारने की धौंस: फर्जी लाइसेंस के आरोपी अविनेंद्र भाटी ने आरक्षकों से झूमाझटकी की

जान से मारने की धौंस: फर्जी लाइसेंस के आरोपी अविनेंद्र भाटी ने आरक्षकों से झूमाझटकी की

रतलाम। नगालैेड राज्य से फर्जी लाइसेंस लेने और उसके आधार पर हथियार खरीदकर उसका उपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार अविनेंद्रसिंह पिता रघुनाथसिंह भाटी को जावरा उपजेल से सर्कल जेल रतलाम लाने वाले तीन आरक्षकों को अविनेंद्र ने जान से मारने की धौंस दे डाली है। महू रोड बस स्टैंड पर आरोपी ने न केवल उन्हें धौंस दी वरन उनके साथ बस स्टैड पर झूमाझटकी कर डाली। सार्वजनिक रूप से हुए इस घटनाक्रम के बाद तीनों ही पुलिस जवानों ने स्टेशन रोड थाने पहुंच कर आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। पुलिस ने आरक्षक रमेश कुमार पांचाल की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ में प्रकरण पंजीबद्ध किया है। उपनिरीक्षक मनोजंिसंह जादोन ने बताया आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
जावरा शहर थाने में पदस्थ आरक्षक रमेशकुमार पिता काशीराम पांचाल ने पुलिस थाना स्टेशन रोड पर दर्ज कराई रिपोर्ट में बताया कि वह और उसके दो अन्य आरक्षक साथी दीपेंद्रसिंह चुंडावत और राजेंद्रसिंह चौहान टीआई जावरा शहर के निर्देश पर जावरा उपजेल में निरुद्ध कैदी अविनेंद्रसिंह भाटी और बंटी उर्फ बंटू पिता रघुवेंद्र को सर्कल जेल भेजने के लिए जावरा शहर थाने से रवाना हुए थे। जावरा उपजेल पहुंचे तो जेल के बाहर दो युवक मिले जो आपस में एक दूसरे को शुक्लाजी कहकर संबोधित कर रहे थे। ये दोनों हमारे पास आए और कहने लगे कि आप लोग जिस कैदी को रतलाम छोडऩे जा रहे हो उसे हमारे साथ गाड़ी में ले चलो हम रतलाम जेल में छुड़वा देंगे। हमने उनकी इस बात को मना कर दिया और आटो रिक्शा करके जावरा बस स्टैंड पहुंचे।

कैदी ने बस स्टैंड पर किया विवाद

आरक्षक पांचाल ने बताया कि जावरा से बस में रतलाम महू रोड बस स्टैंड पर दोपहर करीब एक बजे उतरे। उतरते ही अविनेंद्र बोला कि थोड़ा रुको मेरे साथी आ रहे हैं उनके साथ चाय नाश्ता करने दो। यहां हमने मना किया तो अविनेंद्र गाली-गलौच पर उतर आया और झूमाझटकी करने लगा। उसका कहना था कि जेल से छूटने के बाद तुम लोगों को बताता हूं कि मैं क्या चीज हूं। जेल से छूटने के बाद तुझे ही सबसे पहले खत्म करूंगा। जैसे-तैसे हम तीनों आरक्षकों ने उसे आटो रिक्षा में बैठाया और सर्कल जेल में दाखिल करवाया। इसके बाद हम पुलिस थाना स्टेशन रोड पर रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। इसके साथ जो दूसरा आरोपी था वह जावरा के गांव नागदी का रहने वाला था और वह अजा, अजजा मामले में जावरा उपजेल में निरुद्ध था जिसे रतलाम सर्कल जेल पहुंचाया गया।

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