जीएसटी की जटिल प्रक्रिया से व्यापारी पहले ही परेशान, नया कर और बिगाड़ेगा हालात
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को जानकारी दी
जीएसटी की जटिल प्रक्रिया से व्यापारी पहले ही परेशान, नया कर और बिगाड़ेगा हालात
रतलाम। ड्रायफूड का कारोबार हमारे प्रदेश तो क्या देश की किसी भी मंडी में नहीं होता है। यह सीधा बाहर से आयात होता है। ऐसे में ड्रायफू़ड़ पर डेढ़ प्रतिशत कृषि उपज मंडी टैक्स लगाना उचित नहीं है। इसे वापस लिया जाए। अगर ऐसा नहीं किया तो हमारे यहां का व्यापार आसपास के राज्यों में चला जाएगा। इससे प्रदेस को जीएसटी से मिलने वाले राजस्व में कमी आएगी।
यह जानकारी मप्र किराना व्यापारी एसोसिएशन(फेडरेशन) के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने विदिशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी। वे ड्रायफूड पर लगाए 1.50 प्रतिशत कृषि उपज मंडी टैक्स वापस लेने की मांग कर रहे थे। सचिव मनोज झालानी ने बताया कि पहले ही कारोबारी ड्रायफूड के आयात पर 20 से 30 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी, ड्रायफूड पर पांच प्रतिशत से 12 प्रतिशत तक जीएसटी लग रहा है। ऐसे में 1.50 प्रतिशत कृषि उपज मंडी टैक्स का भार बढऩे पर कारोबारी व उपभोक्ता पर भार बढ़ेगा।
विदिशा के सुरेश मोतियानी ने बताया कि नोट बंदी व जीएसटी की जटिल प्रक्रिया से पहले ही व्यापारी परेशान हैं। ऐसे में यह टैक्स लगने से उसे एक लाइसेंस और लेना पड़ेगा। इससे इंस्पेक्टर राज व भ्रष्टाचार बढ़ेगा। मंदी की मार झेल रहे व्यापारी प्रतिस्पर्धा में नहीं ठहर पाएंगे। अत: आप इस निर्णय को निरस्त कर व्यापारियों को राहत प्रदान करें। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष अग्रवाल, सचिव झालानी के अलावा जबलपुर से भीमलाल गुप्ता, इंदौर से किशोर वरलानी, कन्हैयालाल माधवानी, ग्वालियर से मनीष बांदिल सहित व्यापारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया है। कि इस मामले में शीघ्र उचित निर्णय किया जाएगी।
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