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योग गुरु का पुतला दहन करने पहुंचे, नहीं दी अनुमति

locationरतलामPublished: Nov 21, 2019 05:40:33 pm

विरोध स्वरूप कलेक्टर के नाम का ज्ञापन चौकी प्रभारी को सौंपकर जताया विरोध

योग गुरु का पुतला दहन करने पहुंचे, नहीं दी अनुमति

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रतलाम/धराड़। पिछले दिनों पतंजलि के स्थापक रामदेव बाबा के द्वारा दलित व आदिवासियों व आदिवासी संगठनों को आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए उनके ऊपर बौद्धिक आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया गया था। जिसके विरोध में धराड़ के आदिवासी समाज व आदिवासी संगठन से जुड़े कई लोग शाम को देखते-देखते भीड़ हो गई व धराड़ में बस स्टैंड पर कई युवा जमा हो गए।
पतंजलि के संस्थापक और योगगुरु बाबा रामदेव का पुतला फूंकने की तैयारी करने लगे, हालांकि इस दौरान कुछ लोग थाना प्रभारी बिलपांक को रामदेव का पुतला जलाए जाने की लिखित में अनुमति लेने पहुंचे थे, जहां पर इन्हें पुतला जलाने की अनुमति नहीं मिली।
इधर धराड़ में इक_े हो रहे आदिवासी समाजजनों को पुतला जलाए जाने से धराड़ पुलिस ने बस स्टैंड पर ही रोका और कहा कि इस दौरान जिलेभर में धारा 144 लागू है। इसलिए किसी प्रकार का आंदोलन व पुतला दहन, सभा व विरोध प्रदर्शन कुछ भी नहीं कर सकते। पुलिसकर्मियों ने कहा कि अगर नहीं मानते हो और किसी प्रकार का प्रदर्शन, विरोध, पुतला दहन करते हो तो कानूनी कार्रवाई करना पड़ेगी। जिसकी जिम्मेदारी आपकी रहेगी है। हमारा काम समझाने का है, ताकि गांव का माहौल खराब न हो मनमानी की तो पुलिस कानूनी कार्रवाई करेगी।
पुलिस के समझाने के बाद समाजजन पुतला नहीं जलाते हुए शांतिपूर्वक ढंग से जिला कलेक्टर के नाम पुलिस चौकी पहुंचे। यहां आरक्षक निरंजन त्रिपाठी व प्रधान आरक्षक सुनील सेहगल को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन के माध्यम से समाजजनों ने बताया कि बाबा रामदेव द्वारा दिए गए बयान जो कि आदिवासी को वैचारिक आतंकवादी बता रहे हैं जो कि अत्यंत दु:खद है, जिसका हम सब भारत के आदिवासी निंदा करते हैं। आदिवासी समाजजन रामदेव पर उचित कार्यवाही की मांग करते हैं। इस मौके पर परमेश्वर भवर, अशोक राणा, विजय भूरिया, संदीप खराड़ी, करण भुज, दिलीप पलासिया, मनोज डामर, सुनील मोरी, लखन परमार, महादेव गामड़, गोपाल निनामा, अर्जुन राणा आदि बड़ी संख्या में आदिवासी समाजजन उपस्थित थे।
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