रात को दोबारा शुरू किया गया था रेस्क्यू
नामली पुलिस को सूचना दी गई तत्काल थाना प्रभारी महेश दुबे दल के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीण तैराक युवाओं के सहयोग से तालाब में बालक को ढूंढने में जुट गए। सफलता नही मिली तो शाम छह बजे रतलाम से आठ गोताखोर की टीम मौके पर बुलाई गई। रात आठ बजे तक कोई पता नही चला तो थाना प्रभारी ने अंधेरा अधिक होने का कहते हुए रेस्क्यू बंद कर दिया और सुबह जल्दी ढूंढने की बात कही थी। ग्रामीण आक्रोशित हो गए इसके बाद रात पौने दस बजे ग्रामीण एसडीएम प्रवीण कुमार फुलपगारे, तहसीलदार ब्रजमोहन बामनिया, ग्रामीण एसडीओपी मानसिंह चौहान एव अन्य पुलिस व राजस्व विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों के सहयोग से तालाब के चारों तरफ जनरेटर के माध्यम से उजाला कर आठ से दस मोटर पंप लगाकर तालाब के पानी को बाहर निकालते हुए रातभर रेस्क्यू जारी रखा आखिर कार 17 घंटे की मेहनत के बाद रविवार सुबह नौ बजे शव बाहर निकला जा सका।