किसानों की फसले हुई खराब, ग्रामसेवक ने कहा सर्वे का आदेश नहीं
रतलामPublished: Sep 25, 2018 05:39:58 pm
सेमलिया के किसानों ने बताई परेशानी, किसान परेशान जिला प्रशासन और कृषि अधिकारी भी टालमटोल कर रहे
किसानों की फसले हुई खराब, ग्रामसेवक ने कहा सर्वे का आदेश नहीं
रतलाम। बारिश के कारण किसानों की कटी फसलें जो खेतों में पड़ी है खराब हो चली है, ऋणि किसानों ने कृषि विभाग के द्वारा जारी बीमा कम्पनी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के टोल फ्री नं. 18002665724 पर सम्पर्क कर अपनी शिकायत दर्ज कराना चाही तो कोई जवाब नहीं मिला, हर बार फोन व्यस्त बता रहा था। रतलाम विकासखंड पर पहुंचे तो सेमलिया हल्का नंबर का ग्राम सेवक सुनने को तैयार नहीं था, आखिरकार ग्रामीण विधायक को मोबाईल लगाकर जानकारी दी।
ग्रामसेवक का मोबाइल आया और एक फार्म देकर कहा कि भर कर सब रख लेना मैं कल आकर लेता हूं। बतां दे की दो दिन की बारिश से करीब 8-10 प्रतिशत कटी फसलें खराब होने का अनुमान लगाया जा रहा है। किसान शिकायत लेकर पहुंच भी रहे है, कोई सुनने वाला नहीं मिल रहा है।
सेमलिया और कलोरी के कृषक रामरतन मकवाना, दिनेश ओहरी, पप्पू चौहान, बसंतीलाल जादव, रमेश पटेल, प्रकाश चावड़ा, मंजुबाई तिवारी, गोवर्धन राठौड़ आदि ने बताया कि जिला कलेक्टर से मिलने आए थे, वे नहीं मिले तो कृषि विकासखंड आफीस कलेक्टोरेट गए। जहां पर ग्राम सेवक बात हुई तो उसने कहा कि हमारे पास कुछ लिखित में नहीं आया है। इसके बाद ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामर से बात की उन्होंने एसडीएम से बात करने को कहा। इसके १५-२० मिनट बाद फोन आया एसडीएम के पास मत जाओ ग्राम सेवक पास जाओ आपकी फाइल वहां पड़ी है, उन्हे जानकारी दे दो। जब हम वहां गए तो उसी ग्राम सेवक ने फार्म दिए, पहले उसी ने मना कर दिया था। हमारी कटी हुई सोयाबीन खेत में खराब हो रही है। बीमा कम्पनी वालों के नंबर लग नहीं रहे है। ग्राम सेवक टालमटोल कर रहे है, कोई सुनने वाला नहीं है। फार्म देकर कहा कि भर ले लेना मैं सुबह सेमलिया आउंगा तो ले लूंगा।
लोम्बार्ड बीमा कम्पनी के नंबर नहीं लग रहे, पत्र लिखा
कृषि विभाग उपसंचालक जीएस मोहनिया का कहना है कि सही है कि आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के टोल फ्री नं. लग नहीं रहा है। हमने इस संबंध जिला कलेक्टर की और से लोम्बार्ड बीमा कम्पनी को पत्र भी लिख दिया है कि नंबर लग नहीं रहा है और इस कारण तुम 72 घंटे दोगे तो ये मान्य नहीं होंगी यह शर्त। चारों तरफ से हमारे पास और जिला कलेक्टर के पास भी फोन आ रहे हैं। साथ ही पीएस को भी सूचना कॉपी दे दी है। वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी के माध्यम से किसान प्रारूप भरकर आवेदन दे दे, जिन्हे एकत्रित करके बीमा कम्पनी को दे देंगे कि सर्वे करों और किसानों की परेशानी दूर करो। निर्धारित प्रारुप वाट्सएप पर ग्राम सेवक सरकारी अमले को भेज दिए है, उनसे किसान प्राप्त कर जानकारी भरकर दे सकते हैं। इसके बाद भी अगर ग्राम सेवक काम नहीं करता है तो कार्यवाही की जाएगी। करीब ७-८ प्रतिशत सोयाबीन कटी हुई है।