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पुलिस गोलीकांड: इनकी भूमिका संदिग्ध

locationरतलामPublished: Apr 04, 2019 11:32:09 am

Submitted by:

Sourabh Pathak

पुलिस गोलीकांड: इनकी भूमिका संदिग्ध

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पुलिस गोलीकांड: इनकी भूमिका संदिग्ध

रतलाम। उदयपुर में हुए रतलाम पुलिस के गोलीकांड के बाद अब जांच का दौर शुरू हो गया है। जावरा सीएसपी अगम जैन ने रतलाम पहुंचे पांचों पुलिसकर्मियों के बयान लिए है। इसके साथ ही अब जांच के लिए वह स्वयं गुरुवार को उदयपुर के लिए रवाना होंगे। इधर एसपी गौरव तिवारी ने रतलाम के सराफा व्यापारी द्वारा तीन माह पूर्व की गई शिकायत को अपने कार्यालय बुलाया और उसे देखकर स्थिति को जानने का प्रयास किया।
माणक चौक थाने पर सराफा व्यापारी ने जो शिकायत २० जनवरी को की थी। उसके बाद थाना प्रभारी ने यह जांच एसआई वीरेंद्रङ्क्षसह बंदवार को सौंपी थी। इस मामले की जांच की शुरुआत के समय से बंदवार और दीपक अग्रवाल के बीच बातचीत और मिलने का दौर शुरू हुआ था। पुलिस से की गई इस शिकायत में सराफा व्यापारी ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए कीमत के तीन हजार ग्राम सोने की राशि नहीं दिए जाने की बात कही थी। वहीं दूसरी और सराफा में चल रही चर्चा के मुताबिक इसके अतिरिक्त करीब एक से डेढ़ करोड़ रुपए एमसीएक्स में सोने के व्यापार के लेना बताए जा रहे है, जिसके चलते मामला तीन करोड़ रुपए तक पहुंच गया था।
सरवन थाने से हुए थे साथ
रतलाम पुलिस उदयपुर जाने के पहले सरवन थाने पहुंची थी। यहां की पुलिस द्वारा कुछ बदमाशों को पकडऩे के बाद उनसे पूछताछ के लिए पुलिस टीम वहां पहुंची थी। यहां थाने के गेट पर दीपक पहले से मौजूद थे। थाने से निकलने के बाद बंदवार और दीपक एक गाड़ी में आगे निकले थे, जबकि बाकी पुलिस टीम पीछे दूसरी गाड़ी में इनके पीछे चल रही थी। शुरआती बयानों में जो बात निकलकर सामने आ रही है, उसके मुताबिक टीम को दीपक का परिचय बंदवार के रिश्तेदार के रूप में हुआ था, इसलिए किसी ने इस मामले में कुछ नहीं कहा।
तीन पर ही संदेह
शुरुआती दौर की जांच के दौरान सबसे ज्यादा गलती वीरेंद्रसिंह बंदवार के साथ प्रधान आरक्षक शिवनामदेव और जुझार सिंह की मानी जा रही है। इसके अतिरिक्त बिलपांक थाने के प्रशिक्षु एसआई अमित शर्मा और सायबर के मनमोहन शर्मा और हिम्मत सिंह को जांच के दौरान क्लीन चिट मिल सकती है। इसके पीछे कारण इन लोगों का इस पूरे खेल में मोहरा बनाकर खेल करने का प्रयास किए जाने की बात सामने आ रही है। हालाकि जब तक सीएसपी की जांच पूरी नहीं हो जाती और रिपोर्ट निकलकर सामने नहीं आती तब तक कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। फिर भी शुरुआती जांच में तीन लोगों को क्लीन चिट मिलना बताया जा रहा है।
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