रेलवे में ट्रेन नहीं चल रही तो स्वच्छता के लिए ठेकेदार द्वारा रखे गए कर्मचारी आधे कर दिए गए। इसमे भी लैंगिक भेदभाव यह की काम करने वाली 25 महिलाओं को यह कहकर काम से हटा दिया गया कि उनके मुकाबले पुरुष बेहतर काम करते है। मामला रेल अधिकारियों तक पहुंचा। मंडल के कार्मिक इंजीनियर कमलसिंह के पास पहुंचा तो उन्होंने आधे पुरुष आधी महिलाओं को रखने की बात ठेकेदार को कह दी। इसकी वजह ट्रेन नहीं चलना बताया जा रहा है।
सुबह का है मामला :-:
सुबह करीब 10 बजे रेलवे स्टेशन पर स्वच्छता का काम करने वाली महिलाओं को अचानक काम करते हुए घर जाने को कह दिया गया। महिलाएं कुछ समझमी इसके पूर्व ही उनसे सफाई के संसाधन ले लिए गए। इसके बाद जब महिलाओं ने विरोध किया तो उनको स्टेशन से बाहर जाने को कह दिया। बाद में महिलाएं वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन कार्यालय में गई। यूनियन कार्यालय में महिला समिति की रंजीता वैष्णव व सहायक मंडल मंत्री नरेंद्र सिंह सोलंकी ने पूरे मामले को सुना। इसके बाद अधिकारियों को फोन लगाए गए। मामले की जानकारी मंडल के वरिष्ठ यांत्रिकी इंजीनियर कमलसिंह चौधरी के संज्ञान में लाए तो उन्होंने आधे पुरुष व आधी महिलाएं रखने की बात कह दी।
फिलहाल यह है स्थिति :-:
रेलवे स्टेशन पर तीन पाली में कुल 90 कर्मचारी काम करते है। अब कर्मचारी कम होने की दशा में 6 मशीन ऑपरेटर, 1 सुपरवाईजर व 21 कर्मचारियों को रखा जाएगा। ठेकेदार के सुपरवाइजरों के अनुसार इनमें सेफिलहाल अधिकांश कर्मचारी वो है जो पति-पत्नी साथ में काम करते हैं। अब जहां पत्नी साथ में है, उनको हटाया जा रहा है।
आराम करने को कहा था :-:
किसी को काम से नहीं हटाया गया, बल्कि उनको ट्रेन नहीं होने की स्थिति में आराम करने की सलाह दी गई थी। कुछ गलत-फहमी हुई थी जो दूर कर दी गई है।
– विकास कुमार, स्टेशन पर सफाई करने वाली कंपनी के सुपरवाइजर
शाम को डीआरएम ने किया हस्तक्षेप :-:
महिलाओं को काम से हटा दिया गया था। बाद में जब संगठन ने विरोध किया तो डीआरएम ने हस्तक्षेप किया। इसके बाद सभी महिलाओं को शाम को काम पर वापस लेने की बात की जा रही है।
– रंजीता वैष्णव, महिला समिति अध्यक्ष, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन