ये है पूरा मामला मंगलवार रात 9 बजे स्टेशन पर पदस्थ सीसीटीएन मनीष गोठवाल के सीने में दर्द होने के बाद अस्पताल पहुंचे। यहां पर विशाल नाम के एक कर्मचारी ने सामान्य इलाज किया। भर्ती करने के बाद कुछ दवाएं दी तो मपीष को आराम मिला। रात 10 बजे वे घर सनसीटी चले गए। रात 11 बजे फिर दर्द होने पर पत्नी के साथ अस्पताल पहुंचे। यहां पर डॉ. देवेंद्र चौहान ने ईसीजी किया गया। इसकी रिपोर्ट सामान्य थी। रात में ही विशेषज्ञ डॉ. अविनाशचंद्रा के घर जाकर कर्मचारी विशाल ने रिपोर्ट दिखाई। इसीजी सामान्य होने पर कुछ इन्जेक्शन दिए गए। इस बीच नींद में ही मनीष को हार्ट में तेज दर्द हुआ। इस दौरान डॉ. देवेंद्र ने डॉ. अविनाश को कॉल करके रात करीब २ बजे बाद बुलाया। इस बीच चिकित्सकों के अनुसार मौत हो गई थी। डॉ. अविनाश ने हार्ट पर शॉक दिए, लेकिन इसका असर न हुआ।
रात में पहुंचे डीआरएम रात में 2 बजे बाद मामले की सूचना मिलने पर डीआरएम आरएन सुनकर पहुंचे। बाद में जब सुबह मामले की सूचना कर्मचारियों को लगी तो उन्होने जमकर हंगामा किया। कर्मचारियों ने व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इलाज में लापरवाही का आरोप लगााया। इस बीच डीआरएम फिर पहुंच गए। सूचना मिलने पर यूनियन के नेता भी पहुंचे। कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कुछ चालक ने ड्यूटी होने के बाद भी रेल चलाने से इंकार करते हुए पहले जांच की मांग की।
जांच कमेटी का गठन किया घटना दु:खद है। मामले में सूचना मिलते ही रात में व सुबह गया हूं। जांच के लिए अपर मंडल प्रबंधक केेके सिन्हा को नियुक्त किया है। कर्मचारियेां से कहना चाहता हूं की समस्या होने पर घर दूर होने की स्थिति में करीब के चिकित्सक से इलाज करवाए, होने वाले व्यय को रेलवे भगुतान करेगी।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक