देशभर के रेलवे स्टेशन पर अवैध रुप से सामान की बिक्री करने वालों के खिलाफ भले सरकार सख्त हो, लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन पर ऐसा नहीं है। यहां पर जिम्मेदार नजराना लेकर खान साहब के गलत काम में भागीदार बने हुए है। देखें खबर का पूरा वीडियो।
ratlam latest hindi news
रतलाम. देशभर के रेलवे स्टेशन पर अवैध रुप से सामान की बिक्री करने वालों के खिलाफ भले सरकार सख्त हो, लेकिन मध्यप्रदेश के रतलाम रेलवे स्टेशन पर ऐसा नहीं है। यहां पर जिम्मेदार नजराना लेकर खान साहब के गलत काम में भागीदार बने हुए है। हद तो यह है कि इसको रोकने की जिम्मेदारी जिसकी है, वो गलत काम के दौरान दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाकर आराम करते है। देखें खबर का पूरा वीडियो।
गर्मी की शुरुआत होते ही रेलवे स्टेशन पर अवैध फैरी करने वालों की चल निकली है। बिरयानी, बगैर प्रिंट की लस्सी, छाछ, दूध से लेकर भोजन तक प्लेटफॉर्म पर अवैध फैरी वाले बिक्री कर रहे है। स्टेशन पर गलत काम करने वाली गैंग का कब्जा हो गया है। इस गैंग के सदस्य जावरा रोड से जुड़ेे हुए है। हैरानी की बात यह है कि इन अवैध काम करने वालों को पकडऩे के बजाए वाणिज्य विभाग, आरपीएफ, आरपीएसएफ व जीआरपी संरक्षण दे रही है। दावा है कि इसके बदले नजराना प्रतिमाह मिलता है।
नहीं कर रहे यह कोई काम रेलवे स्टेशन पर बगैर बिल के कोई खाद्य सामग्री नहीं ली जाए, न दी जाए, इस बात का सख्त आदेश रेलवे के वाणिज्य विभाग ने दे रखा है। हर रेलवे स्टॉल पर विभिन्न खानपान की सामग्री का प्रतिदिन का बिल का हिसाब-किताब रेलवे रखती है। इसके बाद जो लोग अवैध रुप से खानपान की बिक्री करते है, उनको पकडऩे के लिए रेलवे स्टेशन पर अलग से कर्मचारी से लेकर अधिकारी की नियुक्ति है। बस जो लोग नियुक्त है, वे ही अपना काम सही तरीके से नहीं कर रहे है।
IMAGE CREDIT: patrikaइन प्लेटफॉर्म नंबर पर सबसे अधिक प्लेटफॉर्म नंबर दो पर जयपुर – हैदराबाद, भोपाल – जयपुर, प्लेटफॉर्म नंबर चार पर देहरादुन – बांद्रा, अमृतसर – मुंबई सेंट्रल, प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर हापा – श्रीमाता वैष्णोदेवी, प्लेटफॉर्म नंबर छह पर बांद्रा – उदयपुर ट्रेन के आने पर अवैध फैरी सबसे अधिक चल रही है।
दूर चले जाते है प्लेटफॉर्म से जब – जब अधिक भीड़ वाली यात्री ट्रेन आती है, राजा गैंग के सदस्य जावरा रोड पर बने ओवरब्रिज के रास्ते से विभिन्न प्लेटफॉर्म पर आ जाते है। इसके बाद इनके आते ही रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा से लेकर रेल की सुरक्षा के लिए काम करने वाली ऐजेंसी वाणिज्य विभाग, आरपीएफ, आरपीएसएफ के कर्मचारी व अधिकारी उस प्लेटफॉर्म से दूर हो जाते है जहां यह अवैध फैरी चल रही होती है।
IMAGE CREDIT: patrikaहर दिन 10 हजार का कारोबार अवैध फैरी वाले ट्रेन के अंदर से लेकर बाहर विभिन्न प्लेटफॉर्म पर खानपान की बिक्री करके एक दिन में 10 हजार रुपये से अधिक का कारोबार कर रहे है। जो सामग्री की बिक्री होती है, उसका न तो कोई बिल दिया जाता है नहीं रेलवे को कोई लाइसेंस फीस। इतना ही नहीं, कोई यात्री इसके उपयोग से बीमार हो तो रेलवे बगैर बिल के पल्ला झाड़ लेगा।
कागज के है इनके दावे समय – समय पर अवैध फैरी वालों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जाती है। विभिन्न प्लेटफॉर्म पर सख्ती को और बढ़ाया जाएगा। – खेमराज मीणा, मंडल रेलवे प्रवक्ता