हमेशा विवादों मेंं रहा है रतलाम का परिवहन विभाग
रतलाम का परिवहन विभाग कार्यालय हमेशा विवादों में रहा है। पूर्व में जावरा रोड पर कार्यालय के दौरान एजेंटों का आपसी विवाद और परिवहन अधिकारी की मौजूदगी में कमीशन का खेल चलता रहा। अब नीमच-इंदौर हाइवे के खाराखेड़ी में बने नए भवन मेंं कार्यालय शिफ्ट हो गया है। यहां भी दलालों की भूमिका कम नहीं हो रही है। आए दिन परमिट एवं वाहनों के दस्तावेज से जुड़े मामले सामने आते है। वहीं, अवैध रूप से संचालित बसों को लेकर भी विभाग कार्रवाई नहीं करने के कारण सवालों में आया है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों का बकाया भी नहीं दे रहे
रतलाम परिवहन विभाग प्रधानमंत्री सहित मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों के लिए निजी बस ऑपरेटरों से बसें तो लेता है, लेकिन समय पर भुगतान नहीं करता। करीब डेढ़ करोड़ से ज्यादा की राशि पीएम और सीएम के कार्यक्रमों में बसे भेजने वाले ऑपरेटरों की बकाया है। बुधवार को भी जावरा के कार्यक्रम के लिए 35 बसों को अधिगृहित किया गया था।
अवकाश के नहीं दिए निर्देश
किसी को भी अवकाश के निर्देश नहीं दिए गए थे। हर विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगी थी। आरटीओ में लगी अवकाश संबंधी सूचना की जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी ली जाएगी।
रुचिका चौहान, कलेक्टर
स्टॉफ नहीं है पर्याप्त
कार्यालय में स्टाफ नहीं के बराबर है। बुधवार को सभी की ड्यूटी मुख्यमंत्री के कार्याक्रम में लगी थी, जिसके चलते दफ्तर में कोई नही था। स्टाफ के नहीं मिलने से समय खराब ना हो इसलिए एक दिन बाद आने की सूचना लगाई गई थी।
-जया वसावा, आरटीओ रतलाम