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क्यों आना पड़ा RDSO की TRAIN को यहां पर, पढे़ं पूरा मामला

locationरतलामPublished: Jul 15, 2018 02:19:50 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

क्यों आना पड़ा RDSO की TRAIN को यहां पर, पढे़ं पूरा मामला

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रतलाम। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंटर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) लखनऊ की विशेष ट्रेन ने ट्रैक पर पानी भरने के मामले में पटरियों की जांच की है। ये जांच मानसून के दौरान ट्रैक के खराब होने या बेहतर स्थिति में होने की होती है। बता दे कि नियम अनुसार ये जांच तीन माह में एक बार होती है, लेकिन हाल ही मंे मंडल में ब्रिज नंबर 178 की दिवार गिरने व पटरियों पर पानी भरने की घटना के बाद ये जांच ताबड़तोड़ करने का निर्णय लिया गया।
आरडीएसओ की दो डिब्बो वाली विशेष ट्रेन शनिवार को मुंबई से जांच करते हुए रतलाम के रास्ते कोटा के लिए रवना हुई। इस ट्रेन में विभिन्न निदेशक स्तर के अधिकारी शामिल रहते है। ये कम्प्यूटर पर विशेष प्रकार की मशीन से ट्रैक की जांच करते है। जब ट्रेन चलती है तो कम्प्यूटर पर राडार की सहायता से ये सूचना आती है कि कहां-कहां पर ट्रैक सुरक्षित है व कहां-कहां पर खराब है।
इस तरह करते है ट्रैक की जांच


विशेष ट्रेन में कम्प्यूटर की मदद से ट्रैकमेंटेनर की जांच की जाती है। इसमे ट्रेन में नीचे लगी विशेष मशीने ट्रैक की औसत आयु कितनी शेष है व कहां क्या खराबी है की जानकारी देती है। इसके अलावा किसी ट्रैक पर पानी से खराबी आई है तो वो रिकार्ड भी कम्प्यूटर पर दर्ज हो जाता है। बाद में ट्रैक की जांच रिपोर्ट को आरडीएसओ के अधिकारी रेलवे बोर्ड को भेजते है। उससे रेलवे अपना निर्णय लेती है।
इसलिए जरूरी थी जांच

असल में मुंबई से दिल्ली के बीच रतलाम होते हुए रेलवे देश की वीआईपी मानी जाने वाली राजधानी, दुरंतो, अगस्त क्रांति आदि विशेष ट्रेनों का संचालन करता है। रेलवे का मानना है कि संसद सदस्य से लेकर अन्य गणमान्य नागरीक इन ट्रेनों में यात्रा करते है। इसलिए ट्रैक पर किसी प्रकार की खराबी रेलवे बर्दाश्त नहंी कर सकती है। इन ट्रेनों के अलावा प्रतिदिन यात्री व मालगाडिय़ां मिलाकर करीब 300 ट्रेनों का संचालन इस ट्रैक पर प्रतिदिन होता है।
मंडल में सब बेहतर

ये जांच नियम अनुसार होती है। विशेष परिस्थिति में बीच-बीच में होती है। मंडल में सभी ट्रैक बेहतर स्थिति में है। जांच में ये ही आया है।
जेके जयंत, जनसपंर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल
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