– जयंत मांडोत, किराना व्यापारी
– नितेश भरावा, बर्तन व्यापारी पड़ रहा विपरीत प्रभाव
दिनेश कुमावत, कपड़ा व्यापारी
रतलामPublished: Nov 28, 2022 12:34:30 pm
Gourishankar Jodha
रतलाम। अंचल के हाट बाजार अब सिमटते जा रहे हैं, ग्राहकों का सप्ताह का इंतजार और व्यापारियों की हाट बाजार की तैयारी अब केवल औपचारिकता मात्र रह गई है। आदिवासी अंचलों के बाजारों के मुख्य आकर्षण हाट बाज़ार अब धीरे-धीरे खत्म होने लगे हैं। पहले साप्ताहिक लगने वाले हाट बाजारों में आसपास के इलाकों से ग्रामीण किराना, कपड़ा, बर्तन आदि वस्तुओं की खरीदी करने के लिए प्रमुख रूप से आते थे, जिसके लिए व्यापारी भी दुकानों पर तैयारी करते थे।
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