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शिव की कृपा से नदी का पानी करता है फसलों को रोग मुक्त

locationरतलामPublished: Feb 13, 2018 06:18:36 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– त्रिवेणी संगम पर विराजे मनकामनेश्वर से जुड़े आस्था की डोर

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जावरा। तहसील मुख्यालय से ३० किमी दूर त्रिवेणी धाम पर स्थित मनकामनेश्वर महादेव भक्तों हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है। यहां श्रावण मास, शिवरात्रि के अलावा नवरात्र के दिनों में सैकड़ों श्रद्धालुओं पहुंचते है। वैशाख मास में यहां ८ दिन का मेला लगता है। १०० वर्षों से भी अधिक समय पर पहले यहां सैलाना दरबार ने पुत्र प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होने के बाद घडिय़ाल व घड़ी मंदिर में चढ़ाई थी। जो आज भी मंदिर में विद्यमान है। मलेनी, पिंगला व चंबल नदी के त्रिवेणी तट पर बसें इस मंदिर पर भगवान मनकानेश्वर का मंदिर होने के साथ ही त्रिवेणी घाट पर मंदिर होने से यहां आस्था की डोर अधिक मजबूत हो गई। आसपास के १०० से अधिक गांवों के किसान यहां नदी का जल लेकर अपनी फसलों पर छिड़कते है मान्यता यह है कि इस जल के बाद फसलों में बीमारियां नहीं होती है। इस त्रिवेणी धाम पर मृत आत्मा की शांति के लिए परिजन आकर तर्पण क्रिया भी करते है। इस प्राचीन स्थान पर हजारों लोगों की मनोकामना पूरी हुई, इसलिए यहां महादेव मनकामनेश्वर के रुप में विराजें हैऔर हजारों लोगों की आस्था की डोर यहां से जुड़ी है।

अनादिकल्पेश्वर

अनादिकाल से जुड़ी आस्था

जावरा. आलोट में स्थित अनादिकल्पेश्वर महादेव का मंदिर अनादिकाल से बना हुआ है। यह मंदिर आलोट से दो किलोमीटर दूर ग्राम धरोला महादेव का रमणिक स्थल है। यह मंदिर नौवी व 10वीं शताब्दी बताया जाता है।
पं अनिल रावल ने बताया कि पूर्वजों से मिली जानकारी के अनुसार हजारों वर्ष पूर्व के इतिहास में पांडवों के वंशज राजा नल व दमयंती पर वनवास काल में इस तीर्थ पर रहे है। इस तीर्थ की इतनी महिमा है कि आप भले ही देश के सारे तीर्थ कर लो लेकिन यहां के दर्शन व स्नान नहीं किया तो सभी तीर्थ निश्फल माने जाते हैं।उनकी मन्नत पूरी होने पर उन्होंने इसका जीर्णोद्धार कराया था। राणों के अनुसार भगवान राम सीता को खोजते हुए यहां से गुजरे थे। तब भी उन्होंने भी अनादिकल्पेश्वर की पूजा अर्चना कर मन्नत मांगी थी। लक्ष्मण के मूर्छित होने पर जब हनुमान जी संजीवनी लेकर जा रहे थे। उनके पद चिह्नों के निशान आज भी व्याप्त हैं। इसी दौरान यहां पर स्थित कनक पर्वत के बीच भरत व हनुमान के बीच वार्तालाप हुआ था।
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