बुधवार को ही शाम करीब 4 बजे हुसैन मिशन तथा शिया सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा मेंहदी की नियाज का जुलूस निकाला गया। इसमें सभी बड़़ी संख्या में महिलाऐं अपने हाथों में अलम लेकर चल रही थी। पीछे महिलाऐं थालों में फल फ्रुट आदि लेकर जुलूस में शामिल हुई। जुलूस बड़े रोजे स्थित इमाम बाड़े से प्रारंभ होकर अब्बास अलमदार के रोजे पर समाप्त हुआ। चेहल्लुम के तहत बुधवार को शाम करीब 5 बजे अब्बास अलमदार के छोटे रोजे पर मजलिस हुई। मजलीस के बाद मातम मनाया गया। रात 8.30 बजे बड़े रोजे पर मजलीस का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में शिया सम्प्रदाय के पुरुष तथा महिलाऐं शामिल हुई।
अंजुमने अब्बासिया के गुलाम हैदर ने बताया कि सुबह ११ बजे अजा खाना-ए-जेहरा से जुलूस निकाला जाएगा। जो मेंहदी कुएं पर आकर समाप्त होगा। दोपहर १ बजे ***** अंजुमन सक्का ए सकीना मुम्बई द्वारा जुलूस निकाला जाएगा। इस अंजुमन के अशोक चौहान ने बताया कि जुलूस मेंहदी कुआं से निकलेगा जो टॉप शरीफ पर समाप्त होगा। जुलूस में अलम, खुली जरी, जुलजूना निकलेगा। तीसरा जुलूस हुसैन मिशन द्वारा निकाला जाएगा। मिशन अफजल मुकादम व अल्ताफ मुकादम ने बताया कि शाम ४ बजे जुलूस ए हज़रत अबुल फज़लिल अब्बास के अलम मुबारक की सवारी तथा अम्मारी निकाली जाएगी।
दस दिवसीय चेहल्लुम का मुख्य आयोजन मातम ए-खंदक का आयोजन शुक्रवार की रात ९ बजे प्रारंभ होगा। इसमें सबसे पहले लक्की ड्रा द्वारा चुने गए 21 -२१-२१ दुल्हे सबसे पहले चूल से गुजरेंगे। उसके बाद शिया सम्प्रदाय के पुरुष तथा महिलाऐं निकलेंगी। उसके बाद चूल को टेकरी पर आए अन्य जायरीनों के लिए खोल दी जाएगी। हुसैन टेकरी पर प्रतिवर्ष होने वाले इस आयोजन में आग पर मातम के दिन लाखों की संख्या में जायरीन पहुंचते हैं। इसके लिए चूल स्थल पर नई व्यवस्थाओं के तहत तीन चूल का निर्माण हो चुका है। जिस पर सफाई के साथ ही लिपने का काम भी शुरू हो गया हैं। १८ की सुबह तक चूल पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।