'मानव जीवन को सार्थक करने का मार्ग है धर्म'
'मानव जीवन को सार्थक करने का मार्ग है धर्म'

रतलाम। मनुष्य जीवन मिलना दुर्लभ है, इस मानवीय जीवन को सार्थक करने का मार्ग केवल धर्म का अनुसरण करने से है, धर्म की आराधना हम सभी को करतें रहना चाहिए, जिसमें हमे हर जीव के प्रति संवेदना करुणा दया का भाव रखते हुए त्याग तपस्या धर्म आराधना मै सदा रमते रहना चाहिए।
आपके अच्छे सद्कर्मो से अच्छे कार्यो से आपकी स्वयं की प्रतिष्ठा के साथ परिवार ईष्ट मित्रों के सम्मान मे अभिवृद्धि होती है। इसलिए सदा भगवान महावीर स्वामी की जीनवाणी का अनुसरण कर सद्कर्मो के कार्य करते रहना चाहिए।
यह विचार तैला तप अराधिका महासती चंदनाजी ने राजेन्द्र विहार परिसर में प्रवचन के दौरान कहे। प्रवचन प्रभावीका महासती पदमावती मसा ने कहा की भगवान के कथन आज भी हम सबके जीवन के लिए अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते है। पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री जैन कान्फ्रेंस युवा शाखा नई दिल्ली के संदीप रांका ने बताया कि अनिल कुमार, सौरभ कुमार, तिलक कुमार दुग्गड परिवार की विनती पर महासतीजी श्री राजेन्द्र विहार में प्रवचन का लाभ कॉलोनीवासियो को प्रदान कर धर्म से जुडऩे का मार्ग बताया। धर्मसभा मे प्रभावना का लाभ बबलीदेवी-शांतीलाल दुग्गड़ द्वारा लिया गया। साथ वेरागन बहन चांदनी जैन का भी बहुमान दुग्गड़ परिवार द्वारा धर्मसभा मै सभी श्रावक-श्राविका एवं महासतीवृंद की साक्षी मै किया। आज शनिवार को महासती श्री चंदनाजी मसा, प्रवचन प्रभाविका महासती पद्मावती मसा आदी ठाणा 6 प्रात: 8 बजे शुभ-लाभ परिसर से विहार कर श्री महावीर जैन स्कुल पर प्रात: 9 बजे धर्मसभा को संबोधित करेगे। पश्चात पुनम विहार मै शांतीलाल, शरद कुमार दुग्गड के नए निवास पर दोपहर 2 से 3 बजे तक नवकार महामंत्र के जाप होंगे।
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