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आचार्यश्री का सपना साकार हुआ तो बोले, मेरा मन प्रसन्न

locationरतलामPublished: Feb 13, 2020 05:40:52 pm

Submitted by:

Akram Khan

आचार्यश्री का सपना साकार हुआ तो बोले, मेरा मन प्रसन्न

आचार्यश्री का सपना साकार हुआ तो बोले, मेरा मन प्रसन्न

आचार्यश्री का सपना साकार हुआ तो बोले, मेरा मन प्रसन्न

रतलाम। मानव सेवा ही माधव सेवा हैै, यह सूत्र वाक्य हमने अन्नक्षेत्र में पूर्ण होते देखा है, मन प्रसन्न हुआ मेरा जो सपना है वो यहां साकार हो रहा है। समस्त सेवाएं नि:स्वार्थ भाव से की जा रही है। यह मेरे गुरूदेव की भावना थी वो भी अन्नक्षेत्र में चारित्रार्थ हो रही है। यह बात आचार्यश्री ने कही।
उन्होंने रावण द्वार स्थित अन्नक्षेत्र जनकल्याण समिति पर आचार्य प्रमुख सागरजी मसा ने अवलोकन किया। आचार्य श्री ने अवलोकन के दौरान संस्था द्वारा संचालित समस्त सेवाकार्यो की प्रसंशा की। डायलिसिस, असहायों को कराए जाने वाले भोजन, पशुपक्षियों का दाना-पानी, फिजियोथैरेपी एवं कम्पयूटर शिक्षा आदि सेवाओं को देखा। भुखे को देंगे रोटी, प्यासे को देंगे पानी, उजडे हुए चमन को फूलों भरी जवानी की पंक्ति के साथ आचार्य श्री जी ने अपने शब्द संस्था को दिए।
समिति अध्यक्ष चंद्रप्रकाश ओस्तवाल व महासचिव संजय दासोत ने बताया आचार्यश्री प्रमुख सागरजी मसा के पगपक्षाल किए। उक्त सेवाओं को देखकर उन्होंने प्रसंशा की व अवलोकन के दौरान उन्हें समझी भी। आचार्यश्री ने सेवाओं को संचालित करवाने वाले दान दाताओं की भी भुरी-भुरी प्रशंसा की। इस दौरान संस्था के चंदनमल कोठारी, डॉ. महावीर पामेचा, घन्नू शर्मा, देवेंद्र भार्गव, सुरज शर्मा व हिम्मत गंगवाल, अंतिम कियावत, महावीर जैन, हिम्मत गंगवाल, पवन पाटनी, विजय औरा आदि मौजूद रहे।
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