प्रवचन के दौरान मुनिराज डॉ सिद्धरत्नविजय ने कहा कि संसार में तिरने हेतु सुकृत कर्मो के अनेक प्रकल्प आराधना, साधना, तप, त्याग की विधियां ज्ञानियों द्वारा बताई गई है। तारकरत्नविजय द्वारा करवाई जा रही आत्म भावना प्रार्थना में जनसमुदाय में बढ़चढ़ कर सहभागिता की। सर्वप्रथम भरतपुर श्री संघ द्वारा दादा गुरुदेव व पुण्य सम्राट की आरती उतारी गई । बाबूलाल समेरमल वोरा रतनपुरा द्वारा प्रभावना वितरित की गई। रविवार को भरतपुर,नागदा, जावरा,रतलाम,धार आदि स्थानों से श्री संघ के प्रतिनिधि पहुंचे जिन्होंने दर्शन वंदन कर गच्छाधिपति व साधु साध्वी भगवंत का आशीर्वाद लिया। सभी लाभार्थियों व अतिथियों का श्री संघ अध्यक्ष बाबूलाल धींग व पारसमल धींग परिवार राकोदा ने बहुमान किया। संचालन चातुर्मास प्रभारी राकेश जैन व तरुण अध्यक्ष हर्ष कटारिया ने किया।