वीआईपी सत्कार में टूटी प्राचीन परंपरा
नागपंचमी को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने भस्मारती में वीआईपी सहित सभी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरती से पहले कैलाश, आकाश और मेंदोला के साथ दर्शन करने पहुंच गए। कैलाश को विशेष सुरक्षा मिली हुई है, जिसके चलते मंदिर के प्रवेश गेट को रोक दिया गया। पुलिस ने किसी को अंदर आने नहीं दिया, जिसमें भस्मारती करने वाले पुजारियों को भी रोक दिया गया। इस पर पुजारी भड़क गए। कहना था कि आरती करने से कैसे रोका जा सकता है। कुछ देर बाद अफसरों को भनक लगी और पुजारियों को प्रवेश दिया। उनके पहुंचते ही तीनों नेताओं को जाने का इशारा किया गया, क्योंकि आरती में प्रतिबंध था। ये देखकर पुजारी भड़क गए, क्योंकि उनकी वजह से रोका गया। पुजारियों ने बवाल कर दिया। हंगामे और मनाने की वजह से भस्मारती निधा$रित समय पर शुरू नहीं हो सकी। विजयवर्गीय की वजह से मंदिर की वर्षो पुरानी परंपरा टूट गई।
अब प्रशासन कर रहा है जांच
विजयवर्गीय की वजह से मंदिर की वर्षो पुरानी परंपरा टूट गई। बताते हैं कि बवाल होने पर मेंदोला ने अपने मुंह पर कपड़ा ढक लिया और चुपचाप निकलने का प्रयास किया। पूरे विवाद को मंदिर प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। मंदिर में लगे कैमरों को देखते हुए बारीकी से जांच कराई जा रही है, क्योंकि भस्मारती के पहले दर्शन करने पहुंचे तीनों नेताओं की वजह से बैरिकेड लगा दिए गए थे, पुजारियों को भी रोक दिया। इस पर वे भड़क गए, यह श्रावण में पहला अवसर है जब भस्मारती भी देरी से शुरू हुई।