रतलाम में व्यापारी पर चलाई थी गोली
टारजन ने घटना कबूल की है। वह सुधाकर से जुडऩे के बाद रतलाम में व्यापारी पप्पू पर गोली चला चुका है। इसके अलावा देवास में मारपीट व धार में अपहरण व बलात्कार का केस दर्ज है, जिसमें एक साल वह जेल में भी रहा। रतलाम में वह सुधाकर के डोडा चूरा गोदाम पर चौकीदारी भी करता था। डीआइजी ने बताया सुशील बजाज से फिर पूछताछ शुरू की गई है।
डीआइजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया, संदीप तेल की हत्या में मुख्य शूटर अविनाश उर्फ टारजन चौधरी निवासी विकास नगर देवास को गिरफ्तार किया है। उसने साथी शूटर प्रदीप बना के साथ मिलकर संदीप को गोली मारी थी। कार में बैठने पर साथी ने संदीप की सांसें चलने की बात कही तो वापस जाकर टारजन ने उसे दो गोली मारी। घटना के बाद पिस्टल व बचे कारतूस रोहित सूर्यवंशी को देकर कार तलावली चांदा में खड़ी कर दोनों शूटर बस से देवास पहुंचे। प्रदीप यहां से राजस्थान निकल गया। सागर के पास ग्राम देवरी के जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने लगा। पुलिस ने उसे वहीं से पकड़ा। पुलिस की प्रदीप की राजस्थान में तलाश कर रही है।
विदेश पहुंच गया था रोहित : रोहित सेठी लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है। जानकारी के मुताबिक घटना के बाद वह पश्चिम बंगाल पहुंचा। उसके लिए सभी एयरपोर्ट पर पुलिस लुक आउट नोटिस जारी कर चुकी थी, तो यहां स्टीमर से बांग्लादेश गया। ढाका से फ्लाइट लेकर जिनेवा पहुंचा। वहा सड़क मार्ग से नेपाल, रखसोल, कानपुर फिर लखनऊ गया। अभी उसकी लोकेशन मध्यप्रदेश आ रही है। उसके साथ उज्जैन का सटोरिया कालू उर्फ भाया शर्मा है। उसके भाई मोनू से रोहित की दोस्ती है। इसी के चलते उज्जैन में एसआर केबल का काम कालू करता है। उसे शुरू से साजिश की जानकारी थी।
उसने अपने नौकर पांचाल के आधार कार्ड से ५ जनवरी को एक सिम लेकर रोहित को दी थी। इस नंबर से ही रोहित शूटर, सुधाकर व अन्य से बात कर रहा था। इंदौर से भागने पर जिनेवा तक कालू साथ रहा, फिर भारत लौट आया। हर मीटिंग से लेकर घटना के समय भी उसकी मौजूदगी के सबूत पुलिस को मिले। मामले में पुलिस ने कालू को भी आरोपी बनाया है।
घर से किया था संदीप का पीछा
सुधाकर ने टारजन को हत्या के एवज में मोटी रकम देने का वादा कर ९८ हजार व पिस्टल दी। टारजन पहले इंदौर-देवास उपनगरीय बस चलाता था। घटना के चार दिन पहले तक रोजाना दोनों शूटर संदीप को मारने के लिए घूमते रहे, लेकिन मौका नहीं मिला। १६ जनवरी को हर हाल में संदीप को मारना तय हुआ। महालक्ष्मी नगर पर संदीप के फॉर्म हाउस पर वे पहुंचे। यहां पर संदीप नहीं मिला तो पालीवाल नगर के घर पहुंचे। संदीप घर से निकला तो कार से उसका पीछा किया। संदीप के ऑफिस के बाहर दो घंटे तक खडे रहे। संदीप ऑफिस से निकला तो फेसबुक पर उसके फोटो से पहचाना फिर गोली मार दी।
इन जगहों पर हुई तलाश
फरार आरोपियो की तलाश में पुलिस अब तक आगर, मालवा, उज्जैन, देवास, बड़वानी, धार, सागर, भोपाल, कर्नाटक, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, गुजरात, अलवर, जयपुर, चित्तौडगढ़ में दबिश दे चुकी है।