लॉकर से आभूषण गायब होने के मामले में बैंक के शाखा प्रबंधक पीयूष विजयवर्गीय के प्रशिक्षण से लौटने पर उनके द्वारा पीडि़ता को मंगलवार को बुलाया गया था। पीडि़ता से चर्चा के बाद प्रबंधक, पीडि़ता व परिजनों के साथ लॉकर में गए और उसे फिर से खोलकर जांच की। लॉकर की ऊंचाई अधिक होने व गहराई होने से नीचे खड़े होकर ठीक से उसमें रखा सामान नहीं दिख रहा था। गहराई होने से अंधेरे के चलते पीछे तक वह नहीं दिख रहा था। एेसे में प्रबंधक ने स्टूल लगाकर उस पर खडे़ होकर लॉकर को खंगाला तो उसमें सबसे पीछे कौने में डिब्बा रखा नजर आया। उसे निकाल कर जांच की तो आभूषण उसमें निकले।
गलती के लिए मांगी माफी
पीडि़ता के आभूषण लॉकर से निकलने पर उनके द्वारा लापरवाही से हुई गलती को लेकर माफी मांगी गई और लिखित में बैंक को धन्यवाद भी ज्ञातिप किया। बैंक प्रबंधक ने बताया कि लॉकर की ऊंचाई के चलते पीडि़ता ने ठीक से उसे नहीं जांचा और बखेड़ा खड़ा कर दिया था। यदि वह स्टूल पर चढ़कर उसे देखती तो डिब्बा दिख जाता, लेकिन उनके द्वारा नीचे से ही लॉकर में हाथ डालकर उसकी तलाशी ली गई, जिस पर उसमें रखा सामान पीछे होने से नहीं दिख सका था।
ये था मामला
शहर के महावीर नगर निवासी राज कामरा २७ नवंबर को बैंक में लॉकर से आभूषण निकाल कर उसे बंद कराने गई थी। पीडि़ता ने जब लॉकर खोला था, तो उसमें उसे आभूषण से भरा डिब्बा नहीं मिलने पर हंगामा मच गया था। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची थी और जांच की थी। उस दिन बैंक प्रबंध पीयूष विजयवर्गीय के बाहर होने से बैंक द्वारा की जा रही जांच आगे नहीं बड़ सकी थी। एेसे में महिला ने करीब तीस तौला सोने के आभूषण लॉकर से गायब होने की शिकयत बैंक अधिकारियों से की थी।
ये गायब होना बताया था
पीडि़ता के मुताबिक उसके लॉकर में रखे गए स्टील के डिब्बे में आठ तौले का सेट, आधे ग्राम का टीका, चार तौले का मंगलसूत्र, चार तौले की दो चेन, दो तौले की एक चेन, सवा तौले की एक चेन, ढ़ाई तौले की एक चेन, पांच तौले के चार कड़े, चार अंगूठी जेंटस की, चार अंगूठी लेडीस, कान के एक जोड़ टॉप्स सहित अन्य जरुरी सामान भी रखा था, जो गायब होना बताए थे।