70 वाहन जांचे, कार्रवाई एक पर भी नहीं
हादसे के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी सेंट थॉमस स्कूल पहुंचे और स्कूल वाहनों की जांच की। अधिकारियों ने यहां करीब 70 वाहनों को देखा। सात सीटर वाले मैजिक वाहन में १५ बच्चे, ५ सीटर वाले ऑटो रिक्शा में 10 बच्चे, 30 सीटर बस में 50 से अधिक बच्चे बिठाए जा रहे थे। इसके बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की और स्कूल संचालक व वाहन चालक को केवल हिदायत देकर इतिश्री कर ली।
हादसे के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी सेंट थॉमस स्कूल पहुंचे और स्कूल वाहनों की जांच की। अधिकारियों ने यहां करीब 70 वाहनों को देखा। सात सीटर वाले मैजिक वाहन में १५ बच्चे, ५ सीटर वाले ऑटो रिक्शा में 10 बच्चे, 30 सीटर बस में 50 से अधिक बच्चे बिठाए जा रहे थे। इसके बाद भी अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की और स्कूल संचालक व वाहन चालक को केवल हिदायत देकर इतिश्री कर ली।
सेंट थॉमस स्कूल की जिस बस में शुक्रवार दोपहर शॉर्ट सर्किट हुई, उस बस में सवार बच्चों के चेहरे पर हादसे की दहशत साफ दिख रही थी। जिस बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी उसमें 45 बच्चे सवार थे। बस की हालत कबाड़ा जैसी थी। बच्चों को बैठाने के लिए लकड़ी की सीट लगाकर रखी गई थी। आधुनिक सुविधाओं की बात तो दूर है। शहर की प्रमुख स्कूल की सड़क पर दौड़ती ऐसी बस पर किसी जिम्मेदार की नजर तक नहीं पड़ी।
हादसे के बाद मौके पर पहुंची पत्रिका टीम ने बस की पड़ताल की थी तो पता चला कि बस के सभी टायर पूरी तरह घिसे हुए थे। बस में अग्निशमन यंत्र भी एक्सपायरी था। फस्र्ट-एड-बॉक्स में दवाईयां भी नहीं थी। यहीं नहीं बस के कारबोरेटर को ठंडा करने के लिए चालक के दूसरी ओर एक बड़ी सी बॉटल टांग रखी थी। इसमें से नली के सहारे पानी कार्बोरेटर तक पहुंचाया जा रहा था।
बस संचालन के दौरान स्पीड ब्रेकर या गड्डा आने पर संभलने से बचने के लिए सीटों के आसपास स्टैंड या हैंगर नहीं लगा था, 2013 को बस का अंतिम बार बीमा कराया गया था। इसके बावजूद आरटीओ की ओर से फिटनेस जारी कर दिया गया था।