रतलाम जिले के मलवासा हाईस्कूल का यह मामला है। यहां 4 नवंबर 2019 को एक एनजीओ ने स्कूल में निःशुल्क रजिस्टर बांटे थे। आरोप है कि प्राचार्य ने इसे बंटवाने से पहले जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) से कोई अनुमति नहीं ली थी। यह रजिस्टर बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए बांटे गए थे।
फ्रंट पेज पर था यह फोटो
स्कूली बच्चों को जो रजिस्टर बांटे गए थे, उसके कवर पेज पर विनायक दामोदर सावरकर का फोटो था। एक विचारधारा का होने के कारण इस पर हाल ही में राजनीति गर्मा गई थी।
स्कूल में निःशुल्क रजिस्टर बांटने पर आयुक्त अजीत कुमार ने इसे प्राचार्य की कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही और गंभीर अनियमितता माना था। इसके बाद प्राचार्य आरएन केरावत को निलंबित कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि स्कूल के प्राचार्य को कुछ समय पहले ही उन्हें 100 प्रतिशत रिजल्ट देने पर सम्मानित किया गया था। प्राचार्य केरावत राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त शिक्षक भी हैं। साथ ही जिला स्तरीय ज्ञानपुंज दल में भी शामिल हैं। यह दल जिले का भ्रमण कर स्कूलों का रिजल्ट सुधारने का भी प्रयास करता है। इनके स्कूल में ही दसवीं का रिजल्ट हर साल 100 प्रतिशत आ रहा है।
प्राचार्य आरएन केरावत कहते हैं कि छात्रहित का काम था, इसलिए रजिस्टर बंटवा दिए। मैं जनसहयोग से स्कूलों में कई काम करवाता हूं। लायंस, रोटरी क्लब समेत कई क्लबों के जरिए शिक्षण सामग्री बंटवाता हूं। वीर सावरकर एनजीओ के सदस्य हमारे पास आए थे और बेले- बच्चों को बांटना है। छात्रहित का काम होने के कारण बंटवा दिए।
इधर, वीर सावरकर एनजीओ के सचिव मधु शरोडकर ने मीडिया को बताया कि सरकार बच्चों को किताबें बांट रही है। हमने परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चों को मुफ्त में रजिस्टर बांटे। स्कूल में मुफ्त में रजिस्टर बांटना क्या गुना है। यदि गुनाह है तो सजा हमें दी जाए। प्राचार्य को क्यों सजा दी जा रही है।
दरअसल, जिस समिति ने स्कूल में कॉपियां बांटी थी, उसके पदाधिकारी भाजपा समर्थक हैं। समिति ने ही कॉपी वितरण के फोटो और जानकारी फेसबुक पर अपलोड की थी। इस पर भोपाल से कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी से जानकारी तलब की गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने 13 नंवबर को प्राचार्य केरावत से बिना अनुमति कॉपी वितरण कराने पर जवाब मांगा। प्राचार्य ने जवाब में छात्रहित में कॉपियां बंटवाने की बात कही। स्कूल में 83 विद्यार्थी को दो-दो कॉपियां वितरित की गई थी।