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चूहों की बीमारी बताएगी गांवों में स्क्रब टाइफस

locationरतलामPublished: Sep 27, 2018 11:07:10 am

Submitted by:

harinath dwivedi

चूहों की बीमारी बताएगी गांवों में स्क्रब टाइफस

Scrub typhus, disease, infection, bacteria, flea

चूहों की बीमारी बताएगी गांवों में स्क्रब टाइफस

रतलाम। गांवों में फैले स्क्रब टाइफस बीमारी की असली वजह चूहों के साथ घरों में पहुंचे पिस्सू है। चूहों में यह बीमारी है और इससे ही मनुष्य में पहुंची है यह जांच का विषय है और इसी वजह से गांवों से पकड़कर लाए गए चूहों का पोस्टमार्टम करके उनके अंगों को नई दिल्ली में केंद्रीय लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा गया है।
Scrub typhus, </figure> disease , <a  href=Infection , bacteria , flea” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/09/27/rt2705_3475157-m.jpg”>जिले के मंदसौर जिले से लगे तीन विकासखंडों में फैली स्क्रब टाइफस नामक बीमारी की मूल जड़ चूहों का बुधवार को पोस्टमार्टम करके उनके अंगों को खासतौर से प्रीजर्व करके केंद्रीय लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जा रहा है। मंगलवार को रतलाम लाए गए पांच चूहों के अलावा बुधवार को भी सात चूहे लाए गए हैं। सभी चूहों का पोस्टमार्टम कर दिया गया है। राज्य कीट वैज्ञानिक डॉ. शैलेद्र कुमार सिंह बताते हैं कि चूहों से यह रोग फैलने की आशंका सबसे ज्यादा है। इसलिए प्रभावित मरीजों के घरों में चूहा ट्रेप लगाकर इन्हें पकड़ा गया। अब इनका पोस्टमार्टम करके इनके अंगों को विस्तृत जांच के लिए भेजा जा रहा है।
सभी गांवों में कर्मचारी लगे सर्वे करने में

स्क्रब टाइफस से प्रभावित पिपलौदा, जावरा और आलोट विकासखंडों के आठ गांवों में स्वास्थ्य विभाग की एएनएम, एलएचवी, आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी सहित विभाग का अमला सर्वे करने के लिए लगा हुआ है। सीएमएचओ कार्यालय के एपिडिमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रमोद के अनुसार थोड़े से भी बुखार से पीडि़त होने पर व्यक्ति से संपर्क करके उसके लक्षण आदि की जानकारी जुटाई जा रही है। इससे किसी नए मरीज के मिलने पर तुरंत ही उस दिशा में कार्य किया जा सके।
ये अंग भेजे गए हैं चूहों के

डॉ. सिंह के अनुसार चूहों के पांच या छह तरह के अंगों में स्क्रब टाइफस का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिलता है। इनमें उनका रक्त जिसकी स्लाइड बनाई गई है। साथ ही लंग्स, स्प्लीन (तिल्ली), चूहों का हृदय और उसका लीवर निकाल कर भेजा गया है। इस प्रक्रिया में पहले चूहों को बेहोंश किया जाता है और फिर उसके अंगों को निकालकर प्रीजर्व किया जाता। इन अंगों को नेशनल सेंटर फार डिसिज कंट्रोल नई दिल्ली (एनसीटीसी) भेजा जा रहा है। यहां इनकी गहनता से जांच की जाएगी।
ऐसे फैलता है यह रोग

डॉ. सिंह के अनुसार स्क्रब टाइफस के जिले पिस्सू नामक कीट जिम्मेदार होता है। यह झाडिय़ों में, जंगलों में रहता है। यह परजीवी होता है जो चूहों के माध्यम से घरों तक पहुंच जाता है। बरसात में चूहे घरों तक आ जाते हैं और चूहा इस पिस्सू के परिवहन का बेहतर साधन होता है क्योंकि ये उसके कान में चिपक जाते हैं। चूहे घर में प्रवेश करते हैं तो निश्चित रूप से हमारे कपड़े, बिस्तर तक भी पहुंचते हैं। इसी दौरान यह पिस्सू वहां छूट जाता है। चूहे के कान और शरीर पर रहने के दौरान उसका खून भी पीते हैं तो चूहा भी प्रभावित हो जाता है। बिस्तर और कपड़ों में रहने के दौरान व्यक्ति को काटने से ऐसा घाव बनता है जैसे जलती हुई सिगरेट से दाग लगता है। समय पर पता चलने पर इलाज भी संभव है।
लार्वा से फैलता है स्क्रब टाइफस

पिस्सू के लार्वा से स्क्रब टाइफस फैलता है। यह व्यक्ति को काटता है और इसके दांत के माध्यम से लार्वा व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। चूहे इसके सबसे बेहतर परिवाहक होते हैं। इसलिए इनकी जांच की जा रही है। यदि इनमें लक्षण मिलते हैं तो पूरे क्षेत्र के लिए आगे की रणनीति तय की जाएगी।
डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह, राज्य कीट वैज्ञानिक

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