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Madhya Pradesh में बढ़ रही यह गंभीर बीमारी

locationरतलामPublished: Mar 28, 2022 12:11:53 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

मध्यप्रदेश में युवक व युवतियों में अचानक से एक बीमारी बढऩे लगी है। डॉक्टर भी इसको लेकर चिंता जता रहे है। कोरोना संक्रमण के बाद अचानक से मध्यप्रदेश में इस बीमारी का बढऩा बड़े खतरे की तरफ संकेत कर रहा है। अगर सावधानी नहीं रखी गई तो समस्या और गंभीर हो जाएगी।

Breaking News In Madhya Pradesh

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रतलाम. मध्यप्रदेश में युवक व युवतियों में अचानक से एक बीमारी बढऩे लगी है। डॉक्टर भी इसको लेकर चिंता जता रहे है। कोरोना संक्रमण के बाद अचानक से मध्यप्रदेश में इस बीमारी का बढऩा बड़े खतरे की तरफ संकेत कर रहा है। अगर सावधानी नहीं रखी गई तो समस्या और गंभीर हो जाएगी।
कम उम्र में शुगर की बीमारी होना अच्छी बात नहीं है, लेकिन हाल ही में हुए एक बड़े सर्वे में यह बात सामने आई है कि रतलाम में युवाओं व युवतियों में शुगर की बीमारी बढ़ रही है। ऐसे में अभी से सतर्कता रखकर उपाय नहीं किए गए तो आने वाले समय में बड़ी परेशानी हो सकती है।
चौंकाने वाले आंकड़े दे रहे

बड़े शहरों की तरह जीवन शैली में बदलाव का असर अब छोटे व मझले शहरों तक फैल गया है। डायबिटिज को लेकर प्रदेश के कई शहरों में शोध और नए सर्वे चौंकाने वाले आंकड़े दे रहे हैं। रतलाम शहर में भी एक संस्था के माध्यम से हुए सर्वे के बाद डायबिटिज का स्तर लगातार बढऩा पाया गया है। विशेषकर युवाओं में इसकी रफ्तार के कारण हालात चिंताजनक बन गए हैं। हालांकि चिकित्सकीय जानकारों का मानना है कि डायबिटिज मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन कुछ सावधानी से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। फिलहाल जो आंकड़े सामने आए हैं, वे अलर्ट करने वाले है। समय रहते अगर जीवन शैली के बदलाव को शारीरिक मानकों के अनुकूल नहीं किया गया तो जोखिम होगा।
डायबिटिज जांच का शिविर

हाल ही में लायंस क्लब ने रतलाम शहर में 100 से अधिक स्थान पर डायबिटिज जांच का शिविर लगाया था, इसमे चौकाने वाली बात यह सामने आई की 10 में से 7 युवाओं में डायबिटिज का स्तर तय मापक से अधिक रहा है। कुछ इसी तरह भोपाल के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा संकाय के बीच मधुमेह के जोखिम का आकलन करने के उद्देश्य से सर्वे किया गया था। 300 मरीजों जांच की गई थी।
विस्तृत शोध किया जा रहा

सामने आया कि 147 (49 प्रतिशत) 45-49 वर्ष के बीच थे और उसके बाद 120 (40 प्रतिशत) 35 वर्ष की आयु के थे। इनमें से 234 (78 प्रतिशत) पुरुष और 66 (22 प्रतिशत) महिलाएं थीं। पारिवारिक इतिहास के अनुसार एक माता-पिता में 96 (82 प्रतिशत) और दोनों माता-पिता में 18 (6 प्रतिशत) मधुमेह का सकारात्मक इतिहास था। रतलाम से सामने आए आंकड़ों पर अब विस्तृत शोध किया जा रहा है। चिकित्सकीय जानकारों के अनुसार, रतलाम में 40 से 45 वर्ष की उम्र के युवाओं में डायबिटीज कम से कम 10 हजार से अधिक तो 50 वर्ष से अधिक उम्र के 17 हजार से अधिक मरीज इस बीमारी की जद में आ गए है।
रक्त में शुगर का बढऩा….हर माह बढ़ रहा आंकड़ा

चिकित्सक कहते है कि जीवन शैली में बदलाव इसके लिए जिम्मेदार है। बॉडी मास के इंडेक्स में बदलाव होने से के रक्त में जब शुगर की मात्रा बढ़ जाती है तो मधुमेह या डायबिटीज होता है। भोजन से पहले 120 व भोजन के दो घंटे बाद 200 से अधिक शुगर शरीर में हैै तो समझ ले कि आप डायबिटीज के मरीज है। हर माह ऐसी जांच की संख्या बढ़ रही है। बॉडी मास के इंडेक्स 23 या इससे अधिक है व उम्र 40 या इससे अधिक है तो डायबिटीज होने का खतरा अधिक रहता है।
रतलाम में टाइप 2 के मरीज ज्यादा

चिकित्सकों के अनुसार डायबिटीज टाइप 1 व टाइप 2 प्रकार का होता है। रतलाम शहर की बात करें तो विभिन्न लेबोटरी, जिला चिकित्सालय व निजी अस्पताल में डायबिटिज की जांच होती है। इस जांच मे यह सामने आया है कि टाइप 2 का डायबिटीज मरीज में उम्र के अनुसार जितना वजन होना चाहिए, उससे अधिक वजन होने से बीमारी हुई है। चिकित्सक कहते है कि अगर वजन नियंत्रण कर लिया जाए तो भी डायबिटीज से बचा जा सकता है।
पदमश्री पुरस्कार प्राप्त डॉ. लीला जोशी ने दिए टिप्स


– भोजन में 30 प्रतिशत प्रोटिन होना चाहिए।
– भोजन में 40 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल हो।
– भोजन में 300 प्रतिशत फेट शामिल हो।
– जंक व फास्ट फूड से बचे।
– नियमित रुप से कम से कम 30 मिनिट कसरत की जाए।
तनाव लेना बंद करें, नींद पूरी ले


मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. निर्मल जैन के अनुसार डायबिटीज होने में एक बड़ा कारण युवाओं का अधिक तनाव लेना, नींद पूरी नहीं लेना, मोबाइल का अधिक उपयोग है। तनाव अधिक लेने से डायबिटीज के साथ – साथ हार्ट से जुड़ी बीमारी भी होती है।
शहर में कम से कम 10 – 17 हजार मरीज


अपने चिकित्सक अनुभव के आधार पर यह कह सकता हूं की रतलाम में 40 से 45 वर्ष की उम्र के युवाओं में डायबिटीज कम से कम 10 हजार से अधिक तो 50 वर्ष से अधिक उम्र के 17 हजार से अधिक मरीज इस बीमारी के है। इसके बचाव के लिए सबसे अधिक जरूरी तनाव से दूर रहना व पर्याप्त भोजन जरूरी है।

– डॉ. अभय ओहरी, वरिष्ठ चिकित्सक

Beware : This serious disease is increasing in your children
IMAGE CREDIT: patrika
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