अब तक १२ त्रिशूल लगाए तीर्थ स्थानों पर अमरनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ, स्वर्गारोहिणी, मानसरोवर कई बार वीर सैनिकों से यात्रा के दौरान मिलना हुआ और उनकी सेवा और समर्पण देखकर देश के लिए शहिद हो रहे देशभक्तों को नमन करते हुए त्रिशूल स्थापित करने की इच्छा हुई और कर आए। इससे पूर्व भी कई त्रिशूल तीर्थों पर स्थापित उज्जैन महाकाल से लेकर केदारनाथ की यात्रा कर अब तक १२ त्रिशूल चढ़ा चुके हैं। बद्रीनाथ पर चढ़ाया गया त्रिशूल २४ किलो वजनी है, जिसे भक्तिभाव से पूजा पाठ करवाकर शहिदों की याद में स्थापित करवाया गया है। बलवीरसिंह पंवार का कहना है कि अब तक बाबा अमरनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ, स्वर्गारोहिणी, मानसरोवर, उज्जैन महाकाल आदि की यात्रा कर यहां पर त्रिशूल भी स्थापित किए गए है। यात्रा के साथ त्रिशूल स्थापित करने का सिलसिला जारी है, बाबा जहां-जहां त्रिशूल स्थापित करने की शक्ति प्रदान करते रहेंगे उस मार्ग चलता रहुंगा।
बदरीनाथ-केदारनाथ से मिला प्रमाण पत्र शिवभक्त बलवीरसिंह पंवार को बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की और से प्रमाण पत्र भी दिया गया है। जिसमें लिखा है कि भगवान बदरीनाथ के प्रति श्रद्धा भावानुसार बदरीनाथ भ्रमण के दौरान अष्टधातु की बनी त्रिशूल दान स्वरूप प्रदान करते हुए श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में घंटाकर्ण मंदिर के सम्मुख लगवाई गई है। इस पुण्य सहयोग के लिए मंदिर समिति आपकी आभारी है।
इंदिरानगर में बना शहिदों की याद में पार्क उजड़ा शहिदों की याद में एक मात्र बनाया गया इंदिरा नगर में शहिद पार्क दुर्दशा के शिकार हो रहा हैं। ऐसा नहीं की इस पार्क के संबंध में किसी को मालूम नहीं है। फिर भी अफसर हो या जनप्रतिनिधि बरसों से किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया। आज यह पार्क अतिक्रमण और अनदेखी का शिकार होकर शहिदों की शहादत याद दिलाते हुए देश की व्यवस्थाओं को मुंह चिढ़ा रहा है। पार्क उजड़ा पड़ा है, वहीं यहां लगाई गई जालियां तक तोड़ दी गई, तो अब क्षेत्रवासियों द्वारा पार्क में वाहन व अन्य सामग्री रखने तक का स्थान बना लिया। २६ जनवरी, १५ अगस्त के दिन शासकीय व सार्वजनिक स्थानों पर हर्षोउल्लास के साथ झंडा वंदन किया जाता है, लेकिन इस शहीद पार्क की तरफ किसी ने मुड़कर नहीं देखा। क्षेत्रवासियों की माने तो कारगील युद्ध के बाद शहिदों की याद में इंदिरानगर में एक बगीचे को तत्कालीन कलेक्टर मनोज झालानी के कार्यकाल में शहिद पार्क बनाया गया था। क्षेत्रवासी राकेश मिश्रा ने बताया कि क्षेत्रवासियों की मांग पर पूर्व में वनमंत्री रहे हिम्मत कोठारी के कार्यकाल में टूटी हुई जालियों को हटाकर इसकी तारफेसिंग करवाई गई थी। इसके बाद से निरंतर यह अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा है। इस संबंध में सभी को जानकारी है। इस संबंध में वर्तमान महापौर से भी चर्चा की गई थी, उन्होंने कहा था कि काली मिट्टी डाली जा रही है, लेकिन एक डंपर के बाद वह भी नहीं आया। आज स्थिति बहुत खराब है, कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इस पार्क को विकसित कर शहिदों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर याद किया जाना चाहिए, ना की इस प्रकार से शहिदों की याद में बनाकर छोड़ देना चाहिए।