करोड़ यूनिट में है बिजली की मांग
जनवरी 2022 के साथ ही जारी फरवरी में अब तक औद्योगिक इकाइयों के लिए दैनिक बिजली मांग 1.55 करोड़ यूनिट से लेकर 1.61 करोड़ यूनिट तक रही। यह पिछले वर्ष समान अवधि की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा है। डेढ़ माह में 72 करोड़ यूनिट से ज्यादाबिजली का वितरण हुआ है। 25 नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ हुई है, या पुरानी इकाइयों की क्षमता में भारी विस्तार देखा गया है।नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ करने पर शासन के नियमानुसार छूट दी जा रही है। पुरानी इकाइयों ने क्षमता विस्तार कर बिजली का उपयोग बढाया है, तो बढी हुई बिजली खपत पर एक रूपए यूनिट की छूट दी जा रही है। इसी तरह कैशलेस पैमेंट के बिलों पर एक हजार रूपए की अधिकतम छूट प्रति बिल दी जा रही है। इसी तरह प्राम्प्ट पेमेंट यानि बिजली बिल मिलते ही अंतिम तारीख का इंतजार किए बगैर तुरंत भुगतान पर दशमलव 25 फीसदी छूट दी जा रही है।
जनवरी 2022 के साथ ही जारी फरवरी में अब तक औद्योगिक इकाइयों के लिए दैनिक बिजली मांग 1.55 करोड़ यूनिट से लेकर 1.61 करोड़ यूनिट तक रही। यह पिछले वर्ष समान अवधि की तुलना में 11 फीसदी ज्यादा है। डेढ़ माह में 72 करोड़ यूनिट से ज्यादाबिजली का वितरण हुआ है। 25 नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ हुई है, या पुरानी इकाइयों की क्षमता में भारी विस्तार देखा गया है।नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ करने पर शासन के नियमानुसार छूट दी जा रही है। पुरानी इकाइयों ने क्षमता विस्तार कर बिजली का उपयोग बढाया है, तो बढी हुई बिजली खपत पर एक रूपए यूनिट की छूट दी जा रही है। इसी तरह कैशलेस पैमेंट के बिलों पर एक हजार रूपए की अधिकतम छूट प्रति बिल दी जा रही है। इसी तरह प्राम्प्ट पेमेंट यानि बिजली बिल मिलते ही अंतिम तारीख का इंतजार किए बगैर तुरंत भुगतान पर दशमलव 25 फीसदी छूट दी जा रही है।
हर माह 61 करोड़ रुपए की छूट
उच्चदाब कनेक्शन, संबंधित उद्योगों को सामान्य छूट, शासन की सब्सिडी, पावर फेक्टर, प्राम्प्ट पेमेंट, एडवांस पेमेंट, ग्रीन फील्ड, नए कनेक्शनों पर रिबेट , केप्टिव रिबेट, रात्रिकालीन बिजली उपयोग पर स्पेशन रिबेट,आन लाइन भुगतान पर रिबेट आदि का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें प्रति माह 61 करोड़ की छूट दी जा रही है।
- अमित तोमर, प्रबंध निदेशक मप्रपक्षेविविकं इंदौर
उच्चदाब कनेक्शन, संबंधित उद्योगों को सामान्य छूट, शासन की सब्सिडी, पावर फेक्टर, प्राम्प्ट पेमेंट, एडवांस पेमेंट, ग्रीन फील्ड, नए कनेक्शनों पर रिबेट , केप्टिव रिबेट, रात्रिकालीन बिजली उपयोग पर स्पेशन रिबेट,आन लाइन भुगतान पर रिबेट आदि का लाभ दिया जा रहा है। इन्हें प्रति माह 61 करोड़ की छूट दी जा रही है।
- अमित तोमर, प्रबंध निदेशक मप्रपक्षेविविकं इंदौर