scriptतो यहां होगा जिले का दूसरा बड़ा बांध | So it will be the second major dam in the district | Patrika News

तो यहां होगा जिले का दूसरा बड़ा बांध

locationरतलामPublished: Dec 08, 2017 11:13:47 am

Submitted by:

harinath dwivedi

सरकार ने बांध बनाने के लिए साध्यता जांचने के सर्वेक्षण के लिए जारी किए निर्देश, राशि भी दी जिससे होगा सर्वेक्षण

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रतलाम। राजापुरा माताजी के यहां से गुजर रही करण नदी पर जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध बांध बनाए जाने को लेकर सिंचाई विभाग को राज्य सरकार ने सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दे दी है। धोलावाड़ के बाद दूसरी सबसे बड़ी क्षमता इस बांध की होगी, जो ४० एमसीएम के लगभग होगी। इसके नदी पर बनने वाले बांध का सर्वेक्षण कार्य करने के लिए सरकार ने १७ लाख रुपए भी विभाग को दिए हैं। यहां बांध बनने से न केवल सिंचाई वरन इसके पास के गांवों को पेयजल भी उपलब्ध कराया जा सकेगा। इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने भी ङ्क्षसचाई विभाग को सहमति दे दी कि उसे कितने पानी की जरुरत लगेगी।
साध्यता का होगा सर्वे

करण नदी पर बनने वाले बांध की साध्यता का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके तहत बांध की चौड़ाई, लंबाई, ऊंचाई का आंकलन होगा। इसमें जमा पानी कहां तक और कितनी दूरी तक बैक वाटर के रूप में पहुंचेगा। इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्र कौन-कौन से होंगे और पानी को कहां से कैसे सिंचाई और पेयजल के लिए उठाया जा सकेगा। इसी बात को लेकर पूरा सर्वे किया जाएगा। साथ ही पानी कितना यहां पहुंच सकेगा जिसे रोका जाना है। इसकी क्षमता का भी आकलन किया जाएगा।
४० एमसीएम क्षमता का होगा डेम

करण नदी पर बनने वाले डेम की क्षमता ४० एमसीएम की होगी। यह क्षमता जिले में धोलावाड़ के बाद दूसरे नंबर की होगी। धोलावाड़ में इस समय ५० एमसीएम पानी संग्रहित होता है जो सिंचाई के साथ ही रतलाम शहर की पौने तीन लाख की आबादी की सालभर प्यास बुझाता है। करण नदी पर बनने वाले बांध की क्षमता ४० एमसीएम आंकी जा रही है। इसमें से १० से १५ एमसीएम पानी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने लेने की सहमति दी है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
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मिल गई साध्यता की स्वीकृति

करण नदी पर बांध बनाने के लिए साध्यता की स्वीकृति मिल गई है। इसके लिए विभाग को कुछ राशि भी आवंटित हो गई है। ४० एमसीएम क्षमता वाला यह डेम जिले का दूसरा सबसे बड़ा होगा। इसकी साध्यता के लिए हम जल्द ही प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।
एचके मालवीय, कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग

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