साध्यता का होगा सर्वे करण नदी पर बनने वाले बांध की साध्यता का सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके तहत बांध की चौड़ाई, लंबाई, ऊंचाई का आंकलन होगा। इसमें जमा पानी कहां तक और कितनी दूरी तक बैक वाटर के रूप में पहुंचेगा। इससे प्रभावित होने वाले क्षेत्र कौन-कौन से होंगे और पानी को कहां से कैसे सिंचाई और पेयजल के लिए उठाया जा सकेगा। इसी बात को लेकर पूरा सर्वे किया जाएगा। साथ ही पानी कितना यहां पहुंच सकेगा जिसे रोका जाना है। इसकी क्षमता का भी आकलन किया जाएगा।
४० एमसीएम क्षमता का होगा डेम करण नदी पर बनने वाले डेम की क्षमता ४० एमसीएम की होगी। यह क्षमता जिले में धोलावाड़ के बाद दूसरे नंबर की होगी। धोलावाड़ में इस समय ५० एमसीएम पानी संग्रहित होता है जो सिंचाई के साथ ही रतलाम शहर की पौने तीन लाख की आबादी की सालभर प्यास बुझाता है। करण नदी पर बनने वाले बांध की क्षमता ४० एमसीएम आंकी जा रही है। इसमें से १० से १५ एमसीएम पानी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने लेने की सहमति दी है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।
————- मिल गई साध्यता की स्वीकृति करण नदी पर बांध बनाने के लिए साध्यता की स्वीकृति मिल गई है। इसके लिए विभाग को कुछ राशि भी आवंटित हो गई है। ४० एमसीएम क्षमता वाला यह डेम जिले का दूसरा सबसे बड़ा होगा। इसकी साध्यता के लिए हम जल्द ही प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।
एचके मालवीय, कार्यपालन यंत्री सिंचाई विभाग