1962 के बाद एक माह में तीन ग्रहण के आने से भूकंप के योग बन रहे है। 1962 में जब शनि मकर राशि में वक्री था, तब ग्रहण इसी प्रकार का ग्रहण हुआ था। अब फिर इस प्रकार के योग बन रहे है। एक माह में तीन ग्रहण देश व दुनिया की दशा व दिशा को बदलने वाले साबित होंगे। इस दौरान पृथ्वी पर भारी उथल पुथल होगी।
Solar Eclipse And Lunar Eclipse
रतलाम. 1962 के बाद एक माह में तीन ग्रहण के आने से भूकंप के योग बन रहे है। 1962 में जब शनि मकर राशि में वक्री था, तब ग्रहण इसी प्रकार का ग्रहण हुआ था। अब फिर इस प्रकार के योग बन रहे है। 5 जून को चंद्र ग्रहण, 21 जून को सूर्य ग्रहण व 5 जुलाई को फिर से चंद्र ग्रहण होगा। एक माह में तीन ग्रहण देश व दुनिया की दशा व दिशा को बदलने वाले साबित होंगे। इस दौरान पृथ्वी पर भारी उथल पुथल होगी।
हो गया निर्णय, इस दिन से चलेगी ट्रेन, यह रहेगा तरीका 1962 के बाद एक ही माह में तीन ग्रहण का योग भारी संकेत के संदेश दे रहा है। यह भी नहीं है कि सिर्फ नुकसान ही होगा, बल्कि कुछ राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभदायक भी सिद्ध होंगे। रतलाम के वरिष्ठ ज्योतिषी अभिषेक जोशी के अनुसार इस समय शनि आकाशगंगा में वक्री है। 5 जून को पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण, 21 जून को अमावस्या को सूर्य ग्रहण व 5 जुलाई को फिर से पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण है। एक माह में तीन ग्रहण देश व दुनिया में भारी उथल पुथल तो करवाएंगे ही इसके साथ साथ प्रकृति की संतुलन को बेहतर करने के लिए कष्टकारक उपाय स्वत: हो जाएंगे।
एक मई से चलेगी ट्रेन, इन स्टेशन पर होगा ठहराव1962 में हुए थे तीन ग्रहण रतलाम के वरिष्ठ ज्योतिषी वीरेंद्र रावल के अनुसार 17 जुलाई 1962 को चंद्र ग्रहण, 31 जुलाई 1962 को सूर्य ग्रहण व 15 अगस्त 1962 को चंद्र ग्रहण हुआ था। करीब 58 वर्ष बाद फिर से वही तीन ग्रहण का योग सामने आ रहा है। हालांकि चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, लेकिन इसका असर प्रकृति पर होगा।
सूर्य ग्रहण आएगा यहां पर नजर 21 जून 2020 को होने वाला सूर्य ग्रहण रतलाम में भी नजर आएगा। ग्रहण का स्पर्श सुबह 10 बजकर 14 मिनट पर होगा। ग्रहण का मध्यकाल सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर होगा। ग्रहण का मोक्षकाल दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक का समय 20 जून की रात को 10 बजकर 14 मिनट से शुरू हो जाएगा। सूर्य के मिथुन राशि में रहने के दौरान यह ग्रहण होगा। भारतीय ज्योतिष के अनुसार जब इस राशि में सूर्य के रहने के दौरान ग्रहण होता है तो देश से लेकर प्रजा को संकट रहता है।
इस दिन से बदलेगा आपके शहर में वेदर, होगी झमाझम बारिशबन रहे प्राकृतिक आपदा आने के योगज्योतिषी वीरेंद्र रावल के अनुसार इसमे आपदा सूर्य ग्रहण की वजह से होगी। हालांकि चंद्र ग्रहण उपछाया का है, इसलिए इसका कोई असर नहीं होगा। सूर्य ग्रहण बड़ी प्राकृतिक आपदा की तरफ संकेत दे रहे है। मृगशिरा नक्षत्र का स्वामी मंगल है व इसके उपर वक्री शनि की दृष्टि है। इसके अलावा 5 जून तक मंगल व राहु के नक्षत्र ने आपस में परिवर्तन किया है। मंगल पर ग्रहों के राजा सूर्य की दृष्टि होना, शनि व गुरु का एक ही राशि में रहते हुए वक्री होना, भूकंप के योग बना रहा है। इसके अलावा इस बार मानसून तेज होगा व इससे कई स्थान पर भारी बारिश से आमजन संकट में आने के योग बन रहे है।
मानसून के पहले ही शुरू हो जाएगी भारी बारीशइन राशि वालों को होगा लाभ सूर्य व चंद्र ग्रहण का असर सिर्फ खराब हो यह भी नहीं है, बल्कि कुछ राशि वालों को यह लाभ भी देगा। मेष, सिंह के अलावा कन्या व कुंभ राशि वालों को यह लाभ देगा। जबकि वृष, मिथुन के अलावा कर्क, तुला, वृश्चिक सहित धनु व कमर राशि वालों को सतर्क रहकर अपने कार्यो को करना होगा। इन राशि वालों को ग्रहण के दौरान जल का दान करने से लाभ होगा।