सर्जरी से पहले किसी भी मरीज की कई तरह की जांचें की जाना होती है। खासकर कैंसर पीडि़तों की जांच के लिए अभी तक रतलाम में कोई व्यवस्था नहीं थी। किसी को इसके लक्षण होने पर जांच के लिए सीधे इंदौर, अहमदाबाद या किसी दूसरे शहर में मरीज भेजना पड़ता है। वहीं से जांच में पाजीटिव आने पर ही इसका इलाज शुरू किया जा सकता था। अब ऐसा नहीं होगा। रतलाम में हिस्टोपैथालाजी शुरू होने से यहां के डॉक्टरों को किसी मरीज में कैंसर की आशंका होने पर उसके उस हिस्से की चमड़़ी काटकर हिस्टोपैथालाजी में भेजकर जांच कराई जा सकेगी। इसमें यह भी पता चल जाएगा कि कैंसर किस स्टेज का है और वर्तमान में क्या स्थिति है। डॉ. दीक्षित बताते हैं कि यह बहुत बड़ी जांच है जो आमतौर पर मेडिकल कॉलेजों में ही मिलती है।
हर तरह के कैंसर की होगी जांच
मेडिकल कॉलेज में हिस्टोपैथालाजी जांच शुरू होने से अब यहां हर तरह के कैंसर की जांच आसानी से की जा सकेगी। जिला अस्पताल में इस तरह के आने वाले मरीजों के नमूने संग्रहित किए जाएंगे और इनकी जांच मेडिकल कॉलेज में शुरू हुई हिस्टोपैथालॉजी लेबोरेटरी में की जाएगी। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. दीक्षित व मेडिकल कॉलेज में पैथालॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. कोमलसिंह लिखार बताते हैं कि साइटोपैथालॉजी के माध्यम से हम कुछ समय पूर्व इसी तरह की जांच की प्रारंभिक जांच स्टेज शुरू कर चुके हैं। अब हिस्टोपैथालॉजी शुरू होने के बाद कैंसर पीडि़तों की पूरी जांच यहीं पर की जा सकेगी। किसी गठान के नमूने लेने के बाद उसकी जांच में पता किया जा सकेगा कि यह गठान कैंसर की है या फिर टीबी या किसी अन्य वजह से हुई है।
तीन तरह से लेते हैं नमूने
– एक तरीका किसी गठान या ट्यूमर में इंजेक्शन से उसके टीशू निकालकर जांच के लिए भेजा जाना
– दूसरी जांच के लिए नमूने लेने का तरीका चमड़़ी इंफेक्टेड स्थान की चमड़ी काटकर जांच के लिए भेजना
– तीसरा तरीका शरीर के किसी एक हिस्से का ऑपरेशन करके काट लिया जाता और पूरे को जांच के लिए भेजना
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कैंसर की जांच के लिए हिस्टोपैथालॉजी शुरू
अब तक कैंसर की जांच के लिए नमूने बाहर भेजे जाते थे या मरीजों को जाना पड़ता था। अब मेडिकल कॉलेज में ही हिस्टोपैथालॉजी शुरू कर दी गई है जिससे इनकी जांच रतलाम में ही हो सकेगी। कितनी भी तरह का और किसी भी स्टेज का कैंसर है यह भी हिस्टोपैथालॉजी जांच में पता चल जाएगा। हम मेडिकल कॉलेज में साइटोपैथालॉजी पहले ही शुरू कर चुके हैं।
डॉ. कोमलसिंह लिखार, हेड ऑफ डिपार्टमेट पैथालॉजी, मेडिकल कॉलेज