इप्का पर नजर: इससे हो रही परेशानी
खाल का पानी लाल होने से ग्रामीणों की नजर एक बार फिर से इप्का फैक्टरी पर है। उनकी माने तो पूर्व में भी इस फैक्टरी से छोड़े गए केमिकल के कारण उसके आस-पास के क्षेत्र में लाल पानी की समस्या पैदा हो गई है। उनकी माने तो वह आशंका जता रहे है, कि यह पानी भी उक्त फैक्टरी द्वारा छोड़े गए केमिकल के कारण एेसा हुआ है। यदि इसमें उनकी गलती उजागर होती है, तो उक्त फैक्टरी प्रबंधन पर कार्रवाई होना चाहिए। गांव के कुछ लोगों की माने तो गर्मी में बोरिंग का पानी सूखने के बाद बारिश में इस खाल में पानी आने के बाद उनके बोरिंग फिर से चालू होते है।
पशुओं को भी नहीं पिला रहे
आमतौर पर क्षेत्र के ग्रामीण अपने पशुओं को पानी पिलाने के लिए यहीं पर लाते है, लेकिन रविवार को यहां के पानी को देखने के बाद कोई भी अपने पशु को यहां पानी पिलाने के लिए नहीं लाया। गांव के अनिल प्रजापत व कैलाश सुंदवासिया ने बताया कि एेसा पानी पीने से उनके पशु बीमार होने के साथ ही मर भी सकते है, इसलिए वह अपने पशुओं फिलहाल अन्यत्र स्थान ले जाकर पानी पिला रहे है। जब तक पानी की जांच होने के उसकी रिपोर्ट नहीं आ जाती, जिसमें पानी के लाल होने के कारणों का खुलासा नहीं हो जाता है, तब तक वह
पशुओं को यहां पानी पिलाने भी नहीं लाएंगे।
जांच के लिए गए है नमूने
– सूचना मिलने के बाद से टीम पानी की जांच में जुट गई थी। रविवार के बाद सोमवार को भी पानी के नमूने लिए गए
है। पानी किसी के भी पीने योग्य नहीं है। इसमें केमिकल की मात्रा व उसके खतरे का पता लगाने के लिए दो सेंपल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड उज्जैन भेजे गए है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
केपी वर्मा, कार्यपालन यंत्री, पीएचई