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घर छोड़कर नहीं जाएंगे सुराणा गांव के लोग, मकान और दुकान पर ‘बिकाऊ है’ भी मिटाया, जानिए वजह

locationरतलामPublished: Jan 20, 2022 03:19:51 pm

Submitted by:

Faiz

-रंग लाया मुख्यमंत्री व गृह मंत्री का हस्तक्षेप-घर छोड़कर नहीं जाएंगे सुराणा गांव के लोग-मकान और दुकान पर ‘बिकाऊ है’ भी मिटाया-समुदाय विशेष की प्रताड़ना से ग्रस्त थे 60 परिवार

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घर छोड़कर नहीं जाएंगे सुराणा गांव के लोग, मकान और दुकान पर ‘बिकाऊ है’ भी मिटाया, जानिए वजह

रतलाम. मध्य प्रदेश के रतलाम जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित सुराणा गांव में दो समुदाय के छोटे बच्चों के बीच हुए विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था। पिछले एक साल से दोनों पक्षों के बीच चल रही तनातनी इतनी बढ़ गई थी, इससे तंग आकर एक पक्ष के लोगों ने अपने घर को बेचकर गांव से पलायन करने का निर्णय लेते हुए घर और दुकान बिकाऊ है तक लिख दिया था। लेकिन, अब सुराणा गांव के लोग गांव से पलायन नहीं करेंगे।

बता दे कि, अन्य सनुदाय के लोगों से तंग आकर गां में रहने वाले करीब 60 परिवारों ने बीते 18 जनवरी को जन सुनवाई के दौरान कलेक्टर को अपनी विश्रा सुनाते हुए गांव छोड़ने की बात कही थी। यहीं नहीं इन परिवारों ने मंगलवार रात को ही गांव में अपने घर और दुकानों पर ‘बिकाऊ है’ लिख दिया था। ग्रामीणों के इस फैसले से प्रशासन और पुलिस में हड़कंप मच गया था। मामले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने और गांव की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिये थे।

 

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प्रशासन ने की कार्रवाई

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी गौरव तिवारी से बात की और खुद इस मामले को व्यवस्थित करने को कहा। इसके बाद कलेक्टर और एसपी ने बुधवार को ही सुराणा गांव में चौपाल लगाते हुए दोनों समुदाय के लोगों की बैठक ली। कलेक्टर ने तत्काल ही एक समिति गठित की, साथ ही गांव मे अस्थाई पुलिस चौकी भी तत्काल खुलवाई। शाम तक गांव की सरकारी भूमियों पर बने 6 अतिक्रमण तोड़ दिए हैंं।

 

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घर और दुकान से मिटाया ‘बिकाऊ है’

प्रशासन की तरफ से ताबड़तोड़ कार्रवाई से अब यहां के पीड़ित ग्रामीण भी सेहमत हैं। साथ ही, घर और दुकान छोड़कर जाने वाली चेतावनी को वापस ले लिया है।, फिलहाल गांव में शांति का माहौल है। इतना ही नहीं घरों और दुकानों पर जो ‘बिकाऊ है’ लिखा था उसे भी मिटा दिया गया है।

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