श्रद्धालुओं के दिल दहल गए केशलोच के समय सुकुमार पर यह मार देख श्रद्धालुओं के दिल दहल गए। तब तक अन्य श्रावक ब्रह्मचारी की सहायता करने पहुंच गए और उनके केशलोच करने लगे। वे भी उनके सिर के बाल उखाडऩे लगे। अब तो सामने बैठे दर्शकों से रहा नहीं गया। कुछ भावुकजनों के नेत्र गीले हो पड़े तो अनेक माताओं के अश्रु बह गए। श्रद्धालुओं के मन का दर्द नेत्रों मे छलक रहा था। कुछ लोगों ने मुनि पुष्पदंत से निवेदन कर याद दिलाया कि ब्रह्मचारी (जैन संन्यास की पहली सीढ़ी) अवस्था में केशलोच आवश्यक नहीं है, वह तो मुनि ही करते हंै। ब्रह्मचारी पवन के बाल किसी नाई को बुलाकर कटवा दिए जाएं पर पवन तो संकल्प और आत्मविश्वास के पर्याय थे। उन्होंने लोगों की बातों और केशलोच की पीड़ा की ओर ध्यान न देकर आनंद से केशलोच करने-कराने में लगे रहे और अंतत: पवन केशलोच की साधना में पास हो गए। 11वें दिन की गुरु आरती नई दिल्ली के गुरु परिवार ने की।
देेंखे, पत्रिका देवास फेसबुक पेज पर लाइव आरती
प्रतिदिन रात 8 बजे ऑनलाइन आरती हो रही है। पत्रिका के फेसबुक पेज पत्रिका देवास पर इस लाइव आरती को देखा जा सकता है। कोड को स्कैन करने पर आप आरती से जुड़ सकते हैं।
https://www.facebook.com/groups/600779590788755/permalink/604824823717565/?sfnsn=scwspwa&funlid=6Y0JhZeZKBw8l5Jv
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