scriptतरुण संवाद: 13 वर्ष की उम्र में जब पहला केशलोच किया तो देखने वालों की आंखों में आ गए आंसू मगर पवन के चेहरे पर थी मुस्कुराहट | Tarun Dialogue: When I was first 13 years old, I saw tears in my eyes, | Patrika News

तरुण संवाद: 13 वर्ष की उम्र में जब पहला केशलोच किया तो देखने वालों की आंखों में आ गए आंसू मगर पवन के चेहरे पर थी मुस्कुराहट

locationरतलामPublished: Jun 11, 2020 08:06:07 pm

Submitted by:

sachin trivedi

तरुण संवाद 11वां दिन: पुष्पगिरी पर क्षुल्लक पर्वसागर ने सुनाया पहले केशलोच का दृष्टांत

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सोनकच्छ. पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य पुष्पदंतसागर के आशीर्वाद व क्षुल्लक पर्वसागर की प्रेरणा से क्रांतिकारी संत समाधिस्थ आचार्य तरुणसागर का 26 दिवसीय 53वां अवतरण महोत्सव चल रहा है। इसके तहत तरुण संवाद कार्यक्रम हो रहा है। तरुण संवाद के 11वें दिन गुरुवार को क्षुल्लक पर्वसागर ने बताया कि गृह त्याग के 2 माह पूर्ण होने के बाद बालक पवन से ब्रह्मचारी पवन की जीवनचर्या निपुणता लगनता से निभा रहे थे। संसारी से संन्यासी की राह मजबूत करते जा रहे थे। उनका एक-एक कदम गुरु व देखने वालों को आश्चर्यचकित कर रहा था। एक दिन सुबह-सुबह की बात है पवन गुरुजी के पास गए और कहा मेरे सिर के बाल बढ़ रहे हैं। मैं केशलोच कर लूं। गुरु पुष्पदंत ने यह शब्द सुन आश्चर्यभरी निगाहों से देखा और थोड़ा मुस्कुराकर हां बोल दिया। भारी समूह के समक्ष ब्रह्मचारी पवन ने कोमल अंगुलियों से अपने रेशमी रेशमी घुंघराले बाल बड़ी सहजता से उखाडऩा शुरू कर दिए। कुछ ही समय में केशलोच हो गया।
श्रद्धालुओं के दिल दहल गए

केशलोच के समय सुकुमार पर यह मार देख श्रद्धालुओं के दिल दहल गए। तब तक अन्य श्रावक ब्रह्मचारी की सहायता करने पहुंच गए और उनके केशलोच करने लगे। वे भी उनके सिर के बाल उखाडऩे लगे। अब तो सामने बैठे दर्शकों से रहा नहीं गया। कुछ भावुकजनों के नेत्र गीले हो पड़े तो अनेक माताओं के अश्रु बह गए। श्रद्धालुओं के मन का दर्द नेत्रों मे छलक रहा था। कुछ लोगों ने मुनि पुष्पदंत से निवेदन कर याद दिलाया कि ब्रह्मचारी (जैन संन्यास की पहली सीढ़ी) अवस्था में केशलोच आवश्यक नहीं है, वह तो मुनि ही करते हंै। ब्रह्मचारी पवन के बाल किसी नाई को बुलाकर कटवा दिए जाएं पर पवन तो संकल्प और आत्मविश्वास के पर्याय थे। उन्होंने लोगों की बातों और केशलोच की पीड़ा की ओर ध्यान न देकर आनंद से केशलोच करने-कराने में लगे रहे और अंतत: पवन केशलोच की साधना में पास हो गए। 11वें दिन की गुरु आरती नई दिल्ली के गुरु परिवार ने की।
देेंखे, पत्रिका देवास फेसबुक पेज पर लाइव आरती
प्रतिदिन रात 8 बजे ऑनलाइन आरती हो रही है। पत्रिका के फेसबुक पेज पत्रिका देवास पर इस लाइव आरती को देखा जा सकता है। कोड को स्कैन करने पर आप आरती से जुड़ सकते हैं।
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