रेलवे कर रहा नए-नए प्रयोग
बता दें कि भारतीय रेलवे में इन दिनों खूब नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। कुछ दिन पूर्व ही रेलवे ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर रेस्टोरेंट ऑन व्हील्स की शुरुआत की है। भारतीय रेलवे के मध्य रेलवे जोन ने खान-पान की पॉलिसी को नए तरीके से पेश करने की कोशिश की है। रेस्टोरेंट को एक बेकार पड़ी रेल कोच का इस्तेमाल कर बनाया गया है। इसको जिस तरह से पसंद किया गया है उसी से प्रेरणा लेकर रेल मंडल भी नया नवाचार करने जा रहा है।
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रेल के डिब्बे में बने रेस्टोरेंट में डिनर करना होगा शानदार
रेल अधिकारियों का मानना है कि रेल के डिब्बे पर बने रेस्टोरेंट में डिनर या लंच करना बेहद ही शानदार अनुभव होगा। कोच के अंदर 10 टेबल की व्यवस्था की जाएगी। एक बार में इसमें 40 लोग बैठ सकेंगे। रेस्तरां के इंटीरियर को इस तरह से सजाया जाएगा कि यात्रियों के साथ-साथ इसे देखने आने वाले भी रेल-थीम में भोजन करने के अनुभव का आनंद ले सकें। लाइसेंस की अवधि एक वर्ष के लिए रहेगी और इसे आगे भी बढ़ाया जाएगा। सुरक्षा पहलू को ध्यान में रखते हुए उपकरण के संचालन की जानकारी रखने वाले कर्मचारियों के साथ पोर्टेबल अग्निशामक यंत्र भी रेस्टोरेंट में लगाए जाएंगे। रेस्तरां के रेट और मेन्यू रेलवे के अनुमति से बाजार दरों के अनुसार लाइसेंसधारी द्वारा तय किया जाएगा। नॉर्थ और साउथ फूड के साथ साथ दाल बाटी भी उपलब्ध रहेगी। रेस्तरां यात्रियों और आम जनता के लिए भी खुला रहेगा। मेन्यू में सभी फूड आइटमों के दाम बाहरी रेस्टोरेंट्स के मुकाबले कम रखे जाएंगे। इस रेस्टोरेंट से मोबाइल फूड ऐप पर भी खाना बेचने की सुविधा दी जाएगी यानी ऑनलाइन ऑर्डर देकर भी लोग खाना ले सकेंगे। इसके अलावा बाटी के साथ मालवा की खास तड़का दाल रखना भी जरूरी रहेगा।
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वर्जन..
प्लेटफॉर्म पर रेल कोच में रेस्टोरेंट खोलन की तैयारी की जा रही है। इसके लिए योजना पर काम चल रहा है। इसमे नार्थ व साउथ के स्वाद के साथ मालवा का मुख्य जायका दाल बाटी भी शामिल रहेगी।
विनीत गुप्ता, मंडल रेल प्रबंधक
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