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करोड़ों के जेवरों और नकदी से श्रृंगार के लिए जाना जाता है महालक्ष्मी मंदिर, भीतर जाने की अनुमति नहीं, देखें Video

locationरतलामPublished: Oct 26, 2021 01:08:20 pm

Submitted by:

deepak deewan

माता महालक्ष्मी का विश्व विख्यात मंदिर

Temple of Mata Mahalakshmi will be decorated with Guru Pushya

माता महालक्ष्मी का विश्व विख्यात मंदिर

रतलाम. दीपोत्सव पर रतलाम में स्थित विश्व विख्यात माता महालक्ष्मी के दरबार में 3 दिन बाद से सजावट का दौर शुरू हो जाएगा। इसे लेकर मंदिर के पुजारी व उनसे जुड़े लोगों के द्वारा तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं दूसरी ओर पुलिस के साथ ही नगर निगम, प्रशासन भी मौका मुआयना करने के साथ ही व्यवस्था में जुट गया है। माता के भक्तों को इस बार भी मंदिर के भीतर जाकर माता रानी के दर्शन के साथ ही श्रृंगार निहारने का अवसर नहीं मिलेगा। इस बात की जानकारी भक्तों को मिलते ही उन्हें मायूसी छा गई.

गुरु पुष्य नक्षत्र में 28 अक्टूबर से माणक चौक स्टेट महालक्ष्मी मंदिर में माता के श्रृंगार के लिए भक्तों द्वारा लाया गया चढ़ावा स्वीकार किया जाने लगेगा। कोरोना संक्रमण के दौर में मंदिर परिसर में व्यवस्था इस बार भी गत वर्ष की तरह रहेगी। मंदिर परिसर में जाकर भक्त माता के दर्शन कर श्रृंगार को नहीं निहार सकेंगे। भक्तों को उम्मीद थी कि इस बार अब कोविड के मामले नहीं होने से वह मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे लेकिन पुलिस और प्रशासन ने गत वर्ष की व्यवस्था को इस वर्ष भी लागू रखा है।

अधिकारियों ने देखी व्यवस्था
मंदिर परिसर में व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा निरीक्षण करने के साथ ही संबंधित अधिकारियों को यहां व्यवस्था और सुरक्षा का जिम्मा भी सौंप दिया गया है। मंदिर परिसर में इस वर्ष भी सुरक्षा के खास इंतजाम रहेंगे और यहां भक्तों की ज्यादा भीड़ न लगे उसके लिए भी बैरिकेडिंग करने के साथ अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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भक्तों के प्रवेश से को लेकर व्यवस्था से जुड़े दिशा निर्देशों का देश और विदेश से आने वाले भक्तों को इंतजार भी था। दरअसल देश के हर कोने से और विदेशों से भी लोग रतलाम आ कर माता के दर्शन लाभ लेने के साथ ही श्रृंगार के लिए नकदी और आभूषण रख कर जाते हैं और फिर दीपोत्सव के बाद वापस ले जाते हैं। त्योहार के समय ट्रेनों में बढऩे वाली भीड़ के चलते लोगों को समय रहते जानकारी नहीं मिलने पर रिजर्वेशन के लिए परेशान हो रहे थे।

कोरोना संक्रमण के चलते गत वर्ष 2020 में माता लक्ष्मी के दरबार में भक्तों के प्रवेश पर रोक लग गई थी। ऐसे में भक्तों को माता के ठीक से दर्शन नहीं कर पाने का मलाल था जिसके चलते इस बार स्थिति में सुधार होने के चलते और वैक्सीनेशन अधिकांश लोगों को लगने के कारण हर किसी को उम्मीद थी कि इस बार वह माता के दर्शन का लाभ ले सकेंगे लेकिन शनिवार शाम पुलिस और प्रशासन के दौरे के बाद गत वर्ष की तर्ज पर ही इस बार भी व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिए गए है।

पांच दिवसीय दीपोत्सव पर्व को लेकर महालक्ष्मी मंदिर में होने वाले श्रृंगार के संबंध में पुलिस और प्रशासन के द्वारा शहर के मध्य स्थित माणक चौक के महालक्ष्मी मंदिर में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लिया गया और सुरक्षा प्रबंध के साथ ही मंदिर के भीतर जाने से भक्तों को रोके जाने के लिए बैरिकेडिंग के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए है। पुलिस-प्रशासन के इस निर्णय से भक्तों को इस बार भी निराशा होगी। मंदिर परिसर आने वाले भक्तों को मिलने वाली कुबेर की पोटली को लेकर भी व्यवस्था गत वर्ष की तर्ज पर रहेगी।

इस संबंध में तहसीलदार गोपाल सोनी का कहना है कि महालक्ष्मी मंदिर आने वाले भक्तों के लिए इस बार भी गत वर्ष की व्यवस्था लागू रहेगी। मंदिर परिसर के भीतर भक्तोंका प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा, बाहर से ही उन्हे दर्शन करना होंगे। जल्द ही मंदिर परिसर के चारों और बैरिकेडिंग कर दी जाएगी। इस संबंध में नगर निगम के अधिकारियों को बुलाकर उन्हे भी निर्देशित किया गया है।

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