असल में 14 फरवरी को पुलवामा अटैक होने के बाद 22 फरवरी को ये चेतावनी जारी की गई है। इस चेतावनी को पश्चिम रेलवे के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त भवप्रीता सोनी ने जारी किया है। इसमे इस बात का साफ उल्लेख है कि १४ फरवरी को पुलवामा में हुए हमले के बाद ये साफ इनपुट है कि रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक स्थान के अलावा भीड़ वाले धार्मिक स्थान को आतंकी निशाना बनाने की योजना बना रहे है।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी खतरे में रेलवे के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त ने जो चेतावनी जारी की है, उसके अनुसार स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को ध्वस्त करने के लिए एक के बाद एक बम धमाके करने करके इतिहास का सबसे बड़ा आतंकी हमला करने की योजना बन गई है। इसमे पुलमावा अटैक में शामिल आतंकी तो शामिल है ही, इसके अलावा आत्मघाती हमलावर मोहम्मद रेहान, मोहम्मद इब्राहीम के अलावा एक वृद्ध की तरह नजर आने वाली महिला भी शामिल है।
आतंकी मजहर असूद के है खास जो इनपुट मिला है उसमे इस बात का उल्लेख है कि ये तीनों भारत के सबसे बड़े दुश्मन आतंकी मजहर असूद के करीबी है। इतना ही नहीं, उसके इशारे पर ही ये लोग ट्रेन, बस स्टैंड के अलावा सार्वजनिक स्थान को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे है। इसलिए जम्मू तरफ से आने वाली ट्रेनों की विश्ेाष जांच की जाए।
पूर्व में हुई है आमने सामने की मुठभेड़ बता दे कि रतलाम प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का गढ़ रहा है। यहां पर एनआईए की टीम ने भी पूर्व में दबिश दी थी व कुछ युवकों को उठाया था। लश्कर में भी रतलाम का एक युवक पूर्व में शामिल रहा है जिसको बाद में मार डाला गया था। इतना ही नहीं, रेलवे स्टेशन के बाहर ही सिमी के गुर्गो व एटीएस की आमने-सामने की मुठभेड़ हुई थी। इसमे एटीएस का एक जवान शहीद हुआ था।
इसलिए जरूरी सतर्क रहना सतर्क रहना इसलिए जरूरी है, क्योकि आरपीएफ आने-जाने वाली ट्रेन की जांच तो कर रही है, लेकिन ये काम बडे़ स्टेशन पर हो रहा है, जबकि छोटे स्टेशनों पर इसके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि पिछले वर्ष भोपाल से इंदौर के लिए चली पैसेंजर ट्रेन के सामान्य डिब्बे में ही बम धमाका हुआ था।
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