यशवंत के बयानों के बाद पुलिस अब ये पता लगाने का प्रयास करेगी कि समग्र आईडी का काम शुरू होने के बाद कब किसने इसके लिए काम किया है। यशवंत का कहना था कि शासन के आदेश के जल्द सबके आईडी बनाने के लिए काम का लोड बहुत था, एेसे में ठक्कर और पंवार अन्य विभाग के कर्मचारियों को बुलाकर उसके कार्यालय पर रातभर काम कराते थे। एेसे में किसने उसके आईडी पासवर्ड से फर्जी नाम जोड़े है ये तो वह भी नहीं जानता है।
जिनके नाम आए उनसे भी पूछताछ
पुलिस की माने तो यशवंत ने बयानों में जिन लोगों के नाम लिए है, अब उनसे भी पूछताछ की जाएगी। उसका कहना था कि श्रम व शिक्षा विभाग के कर्मचारी यहां काम के लिए आते थे। एेसे में पुलिस अब इन विभाग के कर्मचारियों के भी नाम पता कर उनसे भी पूछताछ करेगी कि आखिर में उनके द्वारा किसके कहने पर अपडेशन का काम किया गया था और किसके आईडी पासवर्ड से यह सारा काम हुआ था। इस मामले में अब सभी नामजद आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस की माने तो यशवंत ने बयानों में जिन लोगों के नाम लिए है, अब उनसे भी पूछताछ की जाएगी। उसका कहना था कि श्रम व शिक्षा विभाग के कर्मचारी यहां काम के लिए आते थे। एेसे में पुलिस अब इन विभाग के कर्मचारियों के भी नाम पता कर उनसे भी पूछताछ करेगी कि आखिर में उनके द्वारा किसके कहने पर अपडेशन का काम किया गया था और किसके आईडी पासवर्ड से यह सारा काम हुआ था। इस मामले में अब सभी नामजद आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।