इस पूरे मामले में सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर का कहना है कि डॉ. रत्नाकर के यहां चोरी नहीं हुई है। वह कहीं बाहर गए होंगे तो ठेकेदार के कर्मचारी उक्त भवन को भी खाली समझकर उनके यहां से शौचालय का दरवाजा व उसकी छत पर लगे पतरे निकाल कर ले गए है। सीएस ने बताया कि भवन जर्जर होने से डॉक्टर रत्नाकर को आवास खाली करने के लिए चार बार नोटिस दिया जा चुके हैं लेकिन आज तक उन्होंने भवन खाली नहीं किया। भवन को जर्जर व खाली देख ठेकेदार के कर्मचारियों ने यह काम किया होगा।
डॉक्टर रत्नाकर ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ. आनंद चंदेलकर के नाम से दो आवास आवंटित हैं, लेकिन मुझे अच्छा आवास नहीं आवंटित किया जा रहा है। डॉ. चंदेलकर ने एक आवास अस्पताल परिसर में अपने नाम आवंटित करवा रखा है, वहीं दूसरा आवास अलकापुरी में है। डॉ. रत्नाकर ने बताया कि ये आवास विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए ही हैं इसके बावजूद मुझे आवास नहीं दिया गया, और वे जर्जर आवास में रह रहे हैं। डॉ. चंदेलकर ने अपने बचाव में बताया कि अस्पताल में जो आवास हैं, उसमें शौचालय आदि नहीं है, तो एेसे आवास में वह परिवार के साथ कैसे रह सकते हंै, इस कारण से उन्होंने दूसरा आवास भी स्वीकृत गया है। जिला अस्पताल वाला आवास खाली पड़ा है। डॉ. रत्नाकर के लिए दूसरे आवास की व्यवस्था जल्दी ही की जाएगी।